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कानपुर :लाचार सिस्टम का शिकार दलित परिवार, खुले आसमान में रहने को मजबूर
यह पीड़ित परिवार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है आज तक इस पीड़ित को कहीं कोई सरकारी तंत्र से किसी प्रकार का कोई लाभ नही मिल पाया है इस दलित परिवार यह भी कहना है
कानपुर देहात: आवासहीन दलित परिवार अपने पाँच बच्चों समेत कई वर्षों से सर्द मौसम में खुलेआम आसमान नीचे रहने को मजबूर है यह परिवार अपने घर की गृहस्थी शौचालय में रखता था पर अब उसको भी जंगली जानवरों ने अपनी ठोकर से गिरा कर भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।
दस वर्षों से खुले आसमान के नीचे जिंदगी
बता दें कि पूरा मामला तहसील सिकंदरा क्षेत्र के ब्लाक संदलपुर के हवासपुर गाँव का है जहाँ गाँव के पीड़ित शिवपाल संखवार का कहना है आवास के नाम पर मोटी रकम अदा न कर पाने से दस वर्षों से खुले आसमान के नीचे हर मौसम की मार झेल रहे है मेरा परिवार मासूम बच्चे आवारा जंगली जानवरो के बीच खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है।
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सरकारी ऑफिस के चक्कर काट काट के अब थक गए
हम ग्राम प्रधान के घर ग्राम विकास अधिकारी के ऑफिस के चक्कर काट काट के अब थक गए हैं जैसे तैसे हम दोनों पति पत्नी मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने बच्चों का भरण पोषण कर रहे है इतनी कम आमदनी में घर बनाना बहुत मुश्किल पड़ रहा है, हम ग्राम प्रधान को देने के लिए बीस हजार रुपये का प्रबंधन नही कर पाने के चलते हमको आवास लिस्ट से वंचित कर दिया गया है मेरा परिवार आज भी आवासहीन है।
जंगली जानवरों को नुकसान
खुले आसमान के नीचे मासूम बच्चे रह रहे घर गृहस्थी के समान खुले में रखे होने के चलते आय दिन आवारा जंगली जानवरों के नुकसान से परेशान होने कारण इस पीड़ित ने सोचा की सरकारी तंत्र से लड़कर एक शौचालय ही मिल जाये ताकि उसमे घर की गृहस्थी समान रखा जा सके सरकारी तंत्र के चक्कर काट काट कर बड़ी मिन्नतों से एक शौचालय मिला था फिर क्या हुआ यह शौचालय खुद ही भ्रष्टाचार की भेंट बयां कर गया जंगली जानवरों कि एक ठोकर से शौचालय जमींदोज हो गया।
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दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर
यह पीड़ित परिवार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है आज तक इस पीड़ित को कहीं कोई सरकारी तंत्र से किसी प्रकार का कोई लाभ नही मिल पाया है इस दलित परिवार यह भी कहना है कि हम, साहेब गांव के घरों में मेहनत मजदूरी का कार्य कर जैसे तैसे अपने मासूम बच्चों का भरण पोषण करते हैं घर ना होने के चलते हमारे मासूम बच्चे खुले आसमान के नीचे राम भरोसे हैं इनकी सुध लेने वाला शासन प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं पीड़ित गरीब दलित परिवार द्वारा लगातार शिकायतें के बाद भी जिला प्रशासन जान के भी अनजान बना हुआ है यह पूरा मामला जनपद कानपुर देहात के तहसील सिकंदरा क्षेत्र के ब्लाक संदलपुर हवासपुर गांव का है।
रिपोर्ट मनोज सिंह