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कानपुर देहात: गोवंश की मौत पर बवाल, CDO ने दिया जांच का आदेश

मौके पर 169 गोवंश स्वस्थ्य पाये गये लगभग 70 कुन्तल भूसा 50 किलोग्राम चोकर, 50 किलोग्राम कपिला पशुआहार तथा 20 किलोग्राम चूनी मौके पर पाया गया।

Roshni Khan
Published on: 18 Feb 2021 9:59 AM GMT
कानपुर देहात: गोवंश की मौत पर बवाल, CDO ने दिया जांच का आदेश
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कानपुर देहात: गोवंश की मौत पर बवाल, CDO ने दिया जांच का आदेश (PC: social media)

कानपुर देहात: जनपद की विकास खण्ड सरवनखेडा के ग्राम विलसराया की गौशाला में सूखा पुआल खाकर मरणासन्न हो गये गौवंश तथा कई बीमार की खबर प्रकाशित होने के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा त्रिस्तरीय टीम गठित कर गौशाला की जांच जिला विकास अधिकारी, तहसीलदार अकबरपुर तथा विकास खण्ड अधिकारी सरवनखेडा द्वारा की गयी, जांच में पाया गया कि एक गौवंश की मृत्यु अशक्तता एवं हिप डिसलोकेशन के कारण हो गयी है, जो पूर्व से बीमार थी। जिसकी पशु चिकित्साधिकारी डॉ. तेजेन्द्र सिंह द्वारा चिकित्सा की जा रही थी।

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मृत गोवंश का पंचनामा पशु चिकित्सक द्वारा कराया गया था

मौके पर 169 गोवंश स्वस्थ्य पाये गये लगभग 70 कुन्तल भूसा 50 किलोग्राम चोकर, 50 किलोग्राम कपिला पशुआहार तथा 20 किलोग्राम चूनी मौके पर पाया गया। गोवंश के पानी पीने हेतु सबमर्सिवल पम्प, नाद तथा पक्की हौज बनी हुयी है। मृत गौवंश का पंचनामा पशु चिकित्सक द्वारा कराया गया था। केयरटेकर को माह जनवरी 2021 तक के मानदेय का भुगतान प्राप्त कराया जा चुका है। जनपद के समस्त गौआश्रय स्थलों के नियमित सघन अनुश्रवण के निर्देश मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारी तथा समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को पुनः जारी कर दिये गये है।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी के साथ मौजूद हुए ये लोग

इसके साथ ही बृहद बैठक मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में दिनांक 17 फरवरी 2021 को आहूत की गयी। जिसमें पशु पालन विभाग के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशुधन प्रसार अधिकारी विकास विभाग के खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायतीराज विभाग के सहायक विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी उपस्थित थे तथा जिलास्तरीय अधिकारी जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, उपायुक्त मनरेगा, जिला पंचायत राज अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिये

मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिये कि गोशाला टास्क फोर्स का गठन कराया जाये इसके सदस्य जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम विकास अभिकरण, उपायुक्त मनरेगा, पंचायतराज अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी रहेगे उक्त टास्क फोर्स शासनादेश में उल्लेखित समस्त बिन्दुओं जैसे कि गौशाला की साफ सफाई, चूनी चोकर, हरा चारा, भूसे की व्यवस्था, टीन शेड की व्यवस्था, गौशाला में पीने का पानी, पशु चिकित्साधिकारी द्वारा गौवंश की नियमित चिकित्सा, अभिलेखों का रखरखाव, केयर टेकर का मानदेय तथा गौवंश का स्वास्थ्य एवं संरक्षित रहने आदि बिन्दुओ पर नियमित रूप से साप्ताहिक अनुश्रवण करके मुख्य विकास अधिकारी को आख्या उपलब्ध करायेंगे।

निरीक्षरण कराकर गौशाला टास्क फोर्स को दैनिक रूप से रिपोर्ट करेंगे

साथ ही ग्राम पंचायत की प्रत्येक गौशाला में उप जिलाधिकारी तथा खण्ड विकास अधिकारी की एक टीम बनायी गयी जो नियमित रूप से ग्राम सचिवों एवं सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) के माध्यम से गौशालाओं का नियमित निरीक्षरण कराकर गौशाला टास्क फोर्स को दैनिक रूप से रिपोर्ट करेंगे। यदि किसी भी प्रकार की अनियमितता पायी जाती है तो सम्बन्धित अधकारी व कर्मचारी का उत्तरदायित्व तय कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

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बैठक में उन्होंने सम्बन्धित पशु चिकित्साधिकारियों एवं ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा गोवंश आश्रय स्थलों का निरीक्षरण कराया गया सभी आश्रय स्थलों पर भूसा, पानी, चूनी, चोकर, दाना आदि की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती हुई पायी गयी। गौवंश का स्वास्थ्य परीक्षण तथा उपचार नियमित रूप से कराया जा रहा है जिससे समस्त गौवंश संरक्षित एवं स्वस्थ्य रहे।

रिपोर्ट- मनोज सिंह

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