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विकास दुबे का खूनी खेल: महिला ने सुनाया आंखों देखा हाल, कांप जाएगी रूह

विकास दुबे और उसके गैंग के साथी मुठभेड़ के बाद से ही फरार हैं। राज्य के सबसे बड़े अपराधी को ढूंढने के लिएपु लिस ने नेपाल से लेकर चंबल तक तलाशी में जुटी है।

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Published on: 7 July 2020 8:20 PM IST
विकास दुबे का खूनी खेल: महिला ने सुनाया आंखों देखा हाल, कांप जाएगी रूह
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कानपुर: कानपुर गोलीकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए। आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। पुलिस ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए घेराबंदी कर रही है। 4 दिन बीत जाने के बाद भी विकास दुबे पुलिस के हाथ नहीं आया है। एसटीएफ विकास के करीबियों को पकड़कर पूछताछ कर रही है।

विकास दुबे और उसके गैंग के साथी मुठभेड़ के बाद से ही फरार हैं। राज्य के सबसे बड़े अपराधी को ढूंढने के लिएपु लिस ने नेपाल से लेकर चंबल तक तलाशी में जुटी है। इस बीच पुलिस विकास दुबे के घर के पास कुएं से भी गुनाहों के सबूत तलाश रही है।

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अब इस बीच कानपुर के बिकरू गांव में चश्मदीद महिला मनु ने जानकारी दी है कि विकास के गुर्गों ने किस तरह उस रात को खूनी खेल खेला। मनु के मुताबिक कुछ लोग मुंह बांधकर रखे हुए थे और उन्होंने ही गोली मारी। महिला ने बताया कि जैसे ही गोलियां चलनी शुरू हुईं, उसके बच्चे चिल्लाने लगे। पूरे गांव में दहशत फैल गई।

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बदमाशों ने घर में घेरकर सिर में सटाकर गोली मारी

गौरतलब है कि छापेमारी के दौरान मौके पर पहुंचे पुलिस वाले कुछ समझ नहीं पाए, तब तक कई पुलिस के जवान शहीद हो चुके थे। कई पुलिसवाले बचने के लिए आसपास के मकानों की तरफ भागे तो बदमाशों ने उनको घर में घुसकर गोली मारी। कई पुलिसवाले को तो बंदूक सटाकर गोली मारी है। टीम की अगुवाई कर रहे सीओ को बदमाशों ने घर में घेरकर सिर में सटाकर गोली मारी। इसके बाद धारदार हथियार से पैर को काट दिया।

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खून ही खून फैला हुआ पड़ा था

गांव के कई घरों में सिर्फ खून ही खून फैला हुआ पड़ा था। दीवारों पर गोलियों के निशान मौका-ए-वारदात की कहानी बताते हैं कि बदमाशों ने पुलिस वालों को किस तरह मारा। जानकारी के मुताबिक करीब 12 बजे रात को पुलिस की करीब 22 लोगों की टीम जब सीओ के नेतृत्व में विकास दुबे के घर पहुंची। इसके बाद खूनी खेल करीब एक घंटे तक चला। इसके बाद 1 बजकर 20 मिनट पर पुलिस की दूसरी टीम जब गांव पहुंची तो आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।

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