TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

1984 के सिख विरोधी दंगों में अब खुलेगी कानपुर की फाइल

एसआईटी ने एक रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है जिसमें स्थानीय अदालत के पांच मामलों में निर्णयो के खिलाफ अपील दाखिल करने की अनुमति मांगी गई है। एसआईटी का यह निर्णय एक पुलिस स्टेशन को एसआईटी थाने का दर्जा दिये जाने के राज्य कैबिनेट के फैसले के कुछ ही दिन बाद आया है। इस फैसले में एसआईटी को मामलों की जांच करने और विधिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का अधिकार दिया गया है।

राम केवी
Published on: 22 Jan 2020 3:22 PM IST
1984 के सिख विरोधी दंगों में अब खुलेगी कानपुर की फाइल
X

लखनऊः 1984 के सिख विरोधी दंगों के कानपुर के दस मामलों की दुबारा जांच और परीक्षण के लिए विशेष जांच दल जल्द ही कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। इन मामलों को कानपुर की स्थानीय पुलिस ने बंद कर दिया था। एसआईटी का गठन भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार ने करीब एक साल पूर्व किया था। एसआईटी का गठन बंद मामलों की दोबारा जांच कर परीक्षण करने के लिए किया गया था।

इस संबंध में एसआईटी ने एक रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है जिसमें स्थानीय अदालत के पांच मामलों में निर्णयो के खिलाफ अपील दाखिल करने की अनुमति मांगी गई है। एसआईटी का यह निर्णय एक पुलिस स्टेशन को एसआईटी थाने का दर्जा दिये जाने के राज्य कैबिनेट के फैसले के कुछ ही दिन बाद आया है। इस फैसले में एसआईटी को मामलों की जांच करने और विधिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का अधिकार दिया गया है।

इसे भी पढ़ें

योगी सरकार में दिखने लगी है अयोध्या में निवेश को लेकर तेजी

1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों के दौरान कानपुर में 127 लोग मारे गए थे और 1251 मामले दर्ज किये गए थे। पुलिस ने 153 मामलों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। एसआई टी ने पहले हत्या और डकैती जैसे जघन्य अपराधों के 39 मामलों को चिह्नित किया था जिसमें 11मामलों में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी और 28 मामलों में विभन्न आधारों पर क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी।

ये दस मामले क्यों चुने

एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि भड़के सिख विरोधी दंगों के इन दस मामलों में जिसमें 35 लोग मारे गए थे गवाहों और प्रत्यक्षदर्शियों के एसआईटी को सहयोग करने के आश्वासन के बाद दोबारा जांच के लिए चुना गया है। छह मामलों में गवाहों और प्रत्यक्षदर्शियों ने एसआईटी को किसी भी प्रकार का सहयोग करने से मना कर दिया। इसलिए एसआईटी ने उन मामलों को छोड़ने का फैसला किया है।

इसे भी पढ़ें

विपक्षियों पर भड़के CM योगी, कहा- CAA पर झूठ बेनकाब होगा

इन पांच मामलों में जिसमें करीब 25 लोग मारे गए थे अभियुक्त या तो बरी हो गए या बहुत कम सजा मिली। इसलिए इन मामलों में अपील दायर करने का आधार बनता है। इन मामलों में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए सीएसओ और एफआईआर के लिए संबंधित थानों को पत्र लिखा गया है। लेकिन अभी तक न तो एफआईआर की कापी मिली है न ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट की नकल।



\
राम केवी

राम केवी

Next Story