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Sanjeev Jeeva Murder: गैंगस्टर जीवा की हत्या के बाद कानपुर में अलर्ट, धारा- 144 लागू...पुलिस ने किया गश्त

Sanjeev Jeeva Murder: राजधानी लखनऊ में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की अदालत के भीतर दिनदहाड़े हत्या के बाद कानपुर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। जीवा हत्याकांड के बाद कानपुर में धारा- 144 लागू की गई है।

Aman Kumar Singh
Published on: 8 Jun 2023 3:56 AM IST (Updated on: 8 Jun 2023 4:03 AM IST)
Sanjeev Jeeva Murder: गैंगस्टर जीवा की हत्या के बाद कानपुर में अलर्ट, धारा- 144 लागू...पुलिस ने किया गश्त
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Sanjeev Jeeva Murder: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की अदालत के भीतर दिनदहाड़े हत्या के बाद कानपुर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। जीवा हत्याकांड के बाद कानपुर में धारा- 144 लागू की गई है। कानपुर की सड़कों पर पुलिस ने पैदल गश्त की। कई थानों की पुलिस फोर्स ने विभिन्न इलाकों में गश्त किया।

गौरतलब है कि, लखनऊ में बुधवार (07 जून) को गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी (SIT) गठित करने के आदेश दिए हैं। तीन सदस्यों की SIT में एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल (Mohit Agarwal), आईपीएस नीलाब्जा चौधरी (IPS Nilabja Chowdhary) और अयोध्या के आईजी प्रवीण कुमार (IG Praveen Kumar) होंगे। एक हफ्ते में जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

हत्याकांड पर क्या बोले पुलिस आयुक्त?

गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा हत्याकांड के ठीक बाद लखनऊ के पुलिस आयुक्त एसबी शिरोडकर (SB Shirodkar) कोर्ट परिसर पहुंचे। शिरोडकर ने कहा, 'लखनऊ जेल में बंद संजीव जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट लाया गया था। हमलावर की ओर से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई।' पुलिस आयुक्त ने ये भी बताया कि हमलावर वकील की पोशाक में आया था। पश्चिमी यूपी के कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा को मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) गिरोह का सदस्य माना जाता था। वह बीजेपी के एक बड़े नेता की हत्या मामले का आरोपी था।

जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी था
संजीव माहेश्वरी जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड (Krishnanand Rai murder case) में भी आया था। ये अलग बात है कि, इस मामले में साल 2005 में अदालत ने उसे बरी कर दिया था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, संजीव जीवा पर 22 से अधिक केस दर्ज थे। इनमें से 17 मामलों में वह बरी हो चुका था। लम्बे समय से वह जेल में बंद था। उस पर जेल से रहते हुए गैंग चलाने के भी आरोप लगते रहते थे।



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