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Kanpur News: बंदूक थाम महिलाएं बोली- घर के साथ देश सेवा भी जरूरी, AK-47 से लेकर पिस्टल में ख़ास दिखी रुचि

Kanpur News: आयुध निर्माणी, स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री और फील्डगन फैक्ट्री में तैयार रक्षा उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।बच्चों से लेकर बुजुर्ग व महिलाएं हथियारों के साथ सेल्फी लेते नजर आए।

Anup Panday
Published on: 14 Aug 2023 10:00 AM GMT
Kanpur News: बंदूक थाम महिलाएं बोली- घर के साथ देश सेवा भी जरूरी, AK-47 से लेकर पिस्टल में ख़ास दिखी रुचि
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Kanpur News (photo: social media )

Kanpur News: स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री मैदान में लगी प्रदर्शनी में पढ़ने वाले बच्चों ने धनुष, सारंग, प्रहार व प्रबल के प्रति खासा क्रेज दिखा। कई बच्चों ने तो सेना में जाकर देश सेवा करने तक का मन बना लिया। वहीं प्रदर्शनी में बंदूकों को देखने में महिलाएं भी पीछे नहीं रही।आयुध निर्माणी, स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री और फील्डगन फैक्ट्री में तैयार रक्षा उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।बच्चों से लेकर बुजुर्ग व महिलाएं हथियारों के साथ सेल्फी लेते नजर आए।

पुलिस और एसएसबी के तैयार नयी पिस्टल

मशीन पिस्टल अब एसएसबी, राज्य पुलिस समेत आर्म्ड फोर्स की ताकत बढ़ाएगी। इसकी मारक क्षमता 100 मीटर तक है। स्माल आर्म्स फैक्टरी ने यह पिस्टल तैयार की है। सेना ने भी इस मशीन पिस्टल का ट्रायल कर लिया है।

मशीन पिस्टल की क्या है खासियत

प्रहार व प्रबल जैसी लुभावनी रिवाल्वर के बाद स्माल आर्म्स फैक्टरी ने एक मशीन पिस्टल विकसित की है। वैसे से मशीन पिस्टल सबके लिए नहीं है। इसको पुलिस की जरूरतों के मुताबिक तैयार किया गया है। इसका -20 डिग्री से 45 डिग्री के तापमान पर सफल परीक्षण किया गया है। इसकी मैगजीन की क्षमता 30 गोलियों की है। इसमें सिंगल शॉट के साथ ऑटो मोड भी है। पिस्टल का आकार 373 मिमी है और सपोर्ट के साथ 608 मिमी है।आर्डर मिलते ही जल्द यह मशीन पिस्टल लांच की जाएगी।

प्रदर्शनी में तोपें भी दिखीं

प्रदर्शनी में रिवाल्वर, पिस्टल, कार्बाइन, मशीनगन, पिनाका रॉकेट, सारंग तोप, धनुष तोप आदि दिखी।लोगों ने इन हथियारों के बारे में जाना। बच्चों ने सारंग व धनुष सेना के लिए किस तरह मददगार बना, जानने का प्रयास किया। केशव नगर के अभिषेक मिश्रा ने कहा कि अब तक इन हथियारों को सिर्फ टीवी या मोबाइल पर देखा था। पहली बार सामने से देखने और छूने का मौका मिला। वहीं बंदूकों को देखने में महिलाएं भी पीछे नहीं रही। कुछ महिलाओं ने चलाने का तरीका पूछा तो किसी ने इसका वजन की जानकारी की। जाते जाते बंदूकों के साथ फोटो भी खिंचवाई।

Anup Panday

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