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Kanpur News: पशु पालने वाले हो जाएं सावधान, पशु ने रोड पर किया गोबर तो भरना पड़ेगा इतने हजार का चालान

Kanpur News: शहर में आपके पशु ने गोबर किया तो अब जुर्माना भरना होगा। 63 साल पहले नगर निगम ने यह अधिनियम बनाया था। इसके बाद अब पहली बार चट्टे से गंदगी पर जुर्माने का टारगेट तय कर दिया गया है।

Anup Panday
Published on: 30 Aug 2023 11:23 PM IST
Kanpur News: पशु पालने वाले हो जाएं सावधान, पशु ने रोड पर किया गोबर तो भरना पड़ेगा इतने हजार का चालान
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पशु ने रोड पर किया गोबर तो पशु पालने वाले को भरना पड़ेगा जुर्माना: Photo-Newstrack

Kanpur News: शहर में आपके पशु ने गोबर किया तो अब जुर्माना भरना होगा। 63 साल पहले नगर निगम ने यह अधिनियम बनाया था। इसके बाद अब पहली बार चट्टे से गंदगी पर जुर्माने का टारगेट तय कर दिया गया है। हर माह 25-25 चालान काटना सफाई निरीक्षकों को अनिवार्य कर दिया गया है। कम से कम 1500 चालान काटने होंगे। सफाई को लेकर शहर में जागरूकता बढ़ेगी, साथ ही नगर निगम का खजाना भी भरेगा।

मोबाइल से खींचेंगे फोटो

नगर निगम भी अब ट्रैफिक पुलिस की तरह काम करेगा। आए दिन चट्टो पर मवेशी पकड़ने के दौरान हो रहे विवाद बढ़ने की स्थिति में नए विकल्प की तलाश की गई है। सफाई निरीक्षक GPS युक्त चट्टों और उससे हुई गंदगी की फोटो मोबाइल से खींचेंगे। उसी को देख नगर निगम मुख्यालय आकर चालान काट देंगे। गंदगी करने वाले चट्टा संचालक व घर के बाहर पाल रहे गोपालक को कोर्ट जाना पड़ेगा।

तीन धाराओं में कटेगा चालान

नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने सर्कुलर जारी करते हुए जिम्मेदारी तय कर दी है। तीन धाराओं का इस्तेमाल चट्टों के लिए एक साथ किया जाएगा। नगर आयुक्त ने आदेश में कहा है कि डेयरी और चट्टा संचालकों पर चालान की कार्रवाई न के बराबर हो रही थी। इसलिए यह निर्णय लेना पड़ा। नगर निगम अधिनियम वर्ष 1959 में बना था। तब से पहली बार इस एक्ट के तहत कार्रवाई का टारगेट तय हुआ है।

भरने होंगे 1000 रुपए

पशु को सड़क पर छोड़ा तो 5000 हजार रुपए जुर्माना देना होगा। यह पहले से तय है। मगर अब गाय और भैंस ने सड़क या फुटपाथ पर गोबर किया तो भी मालिकों को 1000 रुपए देने होंगे। नाली में अगर गोबर, कूड़ा या कागज भी फेंक दिया तो भी 100 से 1000 रुपए तक का जुर्माना लगेगा। वहीं बिना अनुमति के चट्टे का संचालन करते पाए गए तो 500 से 5000 रुपए का चालान कटेगा। यह कार्रवाई नगर निगम अधिनियम 258 घ, 438 ग, 440 क और ख के तहत होगी।

निगरानी के साथ समीक्षा भी निर्धारित

सारे वार्डों के खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारियों और सफाई निरीक्षकों से प्राप्त चालानों के एकत्रीकरण के साथ ही इन्हें न्यायालय में प्रेषित करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के लिपिक किशोर आहूजा को सौंपी गई है। हर सप्ताह इसकी रिपोर्ट मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके निरंजन द्वारा नगर आयुक्त को सौंपी जाएगी।



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Anup Panday

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