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Trauma Center: 200 बेड का बनेगा कानपुर में ट्रामा सेंटर, हैलट इमरजेंसी सर्विसेज के नोडल अधिकारी ने किया निरीक्षण

Trauma Center In Kanpur: उन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी सुविधाओं को बेहतर करना है, इसको लेकर सभी मेडिकल कॉलेजों से एक प्रपोजल मांगा गया है, जिसको शासन के सामने रखा जाएगा।

Anup Panday
Published on: 14 Jun 2023 8:46 PM IST (Updated on: 14 Jun 2023 8:48 PM IST)
Trauma Center: 200 बेड का बनेगा कानपुर में ट्रामा सेंटर, हैलट इमरजेंसी सर्विसेज के नोडल अधिकारी ने किया निरीक्षण
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200 बेड का बनेगा कानपुर में ट्रामा सेंटर: Photo- Newstrack

Trauma Center In Kanpur: हैलट का बुधवार को एमरजेंसी सर्विसेज के नोडल अधिकारी डॉ. एलटी मिश्रा ने निरीक्षण किया। इमरजेंसी की सारी सुविधाएं देखी। इसके बाद उन्होंने आईसीयू का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वह यहां की सुविधाओं से संतुष्ट दिखे।

करीब यहां पर 20 जिलों से आते हैं मरीज

20 जिलों के मरीज इमरजेंसी में आते हैं। इस एमरजेंसी की सुविधाएं और बेहतर हों ताकि लोगों को यहां आने के बाद किसी चीज की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। आने वाले आस पास के जिले के लोगों को रास्ते में और भी कई मेडिकल कॉलेज पड़ते हैं। उन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी सुविधाओं को बेहतर करना है, इसको लेकर सभी मेडिकल कॉलेजों से एक प्रपोजल मांगा गया है, जिसको शासन के सामने रखा जाएगा।

इमरजेंसी होगी 300 बेड की

हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में अभी 100 बेड के आसपास हैं, इसलिए कम से कम यहां पर 300 बेड होने चाहिए, हमारा प्रयास रहेगा कि इमरजेंसी में सबसे पहले बेड की व्यवस्था हो ताकि यहां आने वाले हर मरीज को उपचार मिल सके।

28 पद और 16 की भर्ती है

निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में मैनपावर की कमी है। सीनियर रेजिडेंट के लिए कुल 28 पद हैं, वर्तमान में 16 लोगों की ही भर्ती है। इसको लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की है।

औरैया और उरई में भी बनाना है ट्रामा सेंटर

पूरे प्रदेश का मैं निरीक्षण कर रहा हूं। जालौन और औरैया जिले में ट्रामा सेंटर बनना चाहिए। ट्रामा सेंटर बनने से कानपुर मेडिकल कॉलेज में लोड कम हो जाएगा। इसको ले करके जल्द ही प्रशासन से बात करके आगे की रुप रेखा तैयार की जायेगी।

बजट है नहीं, उपकरण मांग रहे मरम्मत

हैलट इमरजेंसी में हर सुविधाएं हैं, जो सुविधाएं पीजीआई जैसे हॉस्पिटल में होती है। वैसी ही सुविधाएं यहां भी हैं,सीटी स्कैन, एमआरआई समेत तमाम आधुनिक उपकरण हैं, बजट न होने के कारण सभी मरम्मत मांग रहे हैं। शासन से बात करके सबसे पहले बजट पास कराया जाएगा ताकि आधुनिक उपकरण चल सके।



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Anup Panday

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