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Kanpur News: विनती भाटिया के घर जश्न का माहौल, चंद्रयान-3 में था अहम योगदान

Kanpur News: चंद्रयान-3 की लैंडिंग करने के लिए टीम के साथ मिलकर काम किया। विनती ने लैंडर की थर्मल डिजाइनिंग अपनी टीम के साथ की और जब चंद्रयान-3 लैंड कर गया तो इसके बाद विनती ने भी वैज्ञानिकों के साथ खुशी से झूमते नाचते इस जश्न में शामिल हुई।

Anup Panday
Published on: 25 Aug 2023 4:04 AM GMT
Kanpur News: विनती भाटिया के घर जश्न का माहौल, चंद्रयान-3 में था अहम योगदान
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Vinati Bhatia (photo: social media )

Kanpur News: भारतवर्ष का सिर ऊंचा कर देने में शहर की विनती भाटिया का अहम योगदान रहा है। चंद्रयान-3 की सफलता पूर्वक लैंडिंग के बाद विनती भाटिया के घर पर एक जश्न का माहौल देखने को मिला, जहां एक तरफ इसरो के वैज्ञानिक झूमते नाचते खुशियां मना रहे थे। तो विनती भाटिया के घर में लड्डू खिलाकर खुशियां मनाई जा रही थी। मां-बाप को पड़ोसी बधाई दे रहे थे।तो वहीं, विनती के पिता भगवान शंकर के भजन सुना कर बेटी की उपलब्धि का जश्न मना रहे थे।

थर्मल डिजाइनिंग करने में दिया अहम योगदान

गोविंद नगर 13 ब्लॉक निवासी कृष्ण गोपाल भाटिया की बेटी विनती भाटिया आईआईटी कानपुर से पीएचडी कर ही रही थी। इसी बीच 2016 में विनती भाटिया का चयन इसरो में हो गया। चंद्रयान-3 की लैंडिंग करने के लिए टीम के साथ मिलकर काम किया। विनती ने लैंडर की थर्मल डिजाइनिंग अपनी टीम के साथ की और जब चंद्रयान-3 लैंड कर गया तो इसके बाद विनती ने भी वैज्ञानिकों के साथ खुशी से झूमते नाचते इस जश्न में शामिल हुई।इस खुशखबरी को फ़ोन से माता-पिता को दी।

छलके खुशी के आंसू

माता-पिता खुशी के आंसू नहीं रोक पा रहे थे। मां चंद्र मोहिनी भाटिया कैंट बोर्ड स्कूल से सेवानिवृत्ति प्रधानाचार्य हैं। मां और पिता ने कहा कि आज बेटी की इस उपलब्धि से सिर गर्व से ऊंचा हो गया है।उन्हें शब्दों से हम लोग बयां नहीं कर पा रहे हैं।बच्ची को पढ़ने में किया गया परिश्रम सफल हो गया है।

हिम्मत है विनती

चंद्र मोहिनी भाटिया ने कहा कि हमारी बेटी हर चुनौतियों को स्वीकार करना व बहुत ही हिम्मती है।विनती ने इंटर तक की पढ़ाई गुरु नानक पब्लिक स्कूल नजीराबाद से की है।बीटेक की पढ़ाई गाजियाबाद से की है।आईआईटी दिल्ली से एमएस करने के बाद वह आईआईटी कानपुर से पीएचडी कर रही थी। कि तभी 2016 में इसरो से उसकी जॉइनिंग आ गई, जब बेटी ने ज्वाइन किया था। उस समय इसरो के बारे में नहीं जानते था।पता भी नहीं था की बेटी इतना बड़ा काम कर रही है। जब चंद्रयान चंद्रमा पर पहुंचा तो पता चला की बेटी किस पड़ाव पर पहुंच चुकी है

मीठा खिलाकर पड़ोसियों ने दी बधाई

विनती भाटिया ने चंद्रयान-3 को बनाने में अपना योगदान दिया है। घर में खुशी देख पड़ोसी भी जानकारी करने आ गए।तो वह भी परिजनों को बधाई देने लगे। पड़ोसियों ने माता-पिता का मुंह मीठा कराया। वहीं, पिता कृष्ण गोपाल भाटिया ने कहा कि आज भी मुझे वह दिन याद है।जब बेटी को रोज 7 किलोमीटर दूर स्कूल छोड़ने लेने जाता था।वही परिश्रम मेरा सफल हो गया है।

Anup Panday

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