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Kanpur News: प्रेमिका को बनाना था MBBS, अधिकारी का रौब दिखा रंगदारी मांगने वाले दो शातिर गिरफ्तार
Kanpur News: शासन और प्रशासन में अपनी पकड़ दिखा कर कई लोगों से रंगदारी मांगने वाले दो शातिरों को थाना बिठूर व लखनऊ एसटीएफ ने पकड़ लिया। दोनों साथियों ने शहर के एक बिल्डर को कार्रवाई की धौंस देकर लाखों की ठगी की। बिल्डर को शक होने पर पुलिस से शिकायत की।
Kanpur News: शासन और प्रशासन में अपनी पकड़ दिखा कर कई लोगों से रंगदारी मांगने वाले दो शातिरों को थाना बिठूर व लखनऊ एसटीएफ ने पकड़ लिया। दोनों साथियों ने शहर के एक बिल्डर को कार्रवाई की धौंस देकर लाखों की ठगी की। बिल्डर को शक होने पर पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने एसटीएफ के साथ मिलकर दोनों की कुंडली खंगाली और दोनों पर कार्यवाही की। दोनों के पास से कई जाली दस्तावेज, सिम और मोबाइल बरामद हुए।
दोनों साथियों की लखनऊ से हुई गिरफ्तारी
20 अगस्त को एसटीएफ टीम लखनऊ वह थाना बिठूर टीम के द्वारा थाना बिठूर में पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 301/ 2023 के अभियुक्त गण शातिर अभिषेक प्रताप सिंह ग्रीन सिटी सिंहपुर व धर्मेंद्र कुमार यादव ग्रीन सिटी सिंहपुर कानपुर नगर इनकी सूचना मुखबिर के द्वारा एसटीएफ व पुलिस को मिली।एसटीएफ टीम व पुलिस ने बैंक ऑफ बड़ौदा रीजनल ऑफिस से होटल हयात रीजेंसी की ओर जाने वाले रास्ते के पास थाना विभूति खंड जनपद लखनऊ से गिरफ्तार किया।
शहर में नाम बदलकर रह रहे थे
अभिषेक प्रताप सिंह से जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसका असली नाम संतोष सिंह कतवारूपुर गोराई थाना जनसा जनपद वाराणसी निकला। लेकिन रंगदारी व शानो शौकत के लिए उसने अपना नाम अभिषेक प्रताप सिंह उर्फ अभि के नाम से कानपुर में रह रहा था।केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों के अधिकारी के छदम वेश व छदम नाम से जालसाजी और धोखाधड़ी करता था। वही मिली रंगदारी से शान शौकत से शहर के अंदर घूमा करता था।
निजी सचिव व पीआरओ बनकर संतोष से बात करता था ममेरा भाई
संतोष ने पूछताछ में बताया कि कानपुर में उसके साथ ममेरा भाई प्रदीप सिंह ग्राम ददरा तथा ड्राइवर धर्मेंद्र कुमार मोहम्मदपुर और जौनपुर की रहने वाली एक प्रेमिका साथ में रहते हैं। शासन प्रशासन के अधिकारियों के छदम नाम व छदम वेश से आम जनता व शासन प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों को ठगता व रुतबे की धौंस जमाकर रंगदारी वसूलकर रंगबाजी में रहता था।प्रदीप ममेरा भाई के अनुसार निजी सचिव व पीआरओ बनकर शासन व प्रशासन के विभिन्न अधिकारियों तथा जनता के भोले भाले लोगों को अपने मोबाइल नंबरों से कॉल कर संतोष से बात करता था।
संतोष की प्रेमिका रामा मेडिकल कॉलेज से कर रही एमबीबीएस कर रही है, उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च भी संतोष ठगी रंगदारी के पैसों से उठता था। वह रंगदारी की कमाई से संतोष के पास दो इनोवा, होंडा सिटी कार है। इन कारों का उपयोग जालसाजी, रंगदारी वसूलने में करता था।
ठेके से लेकर वसूली की बात आई सामने
संतोष सिंह उर्फ अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया कि जालसाजी व रंगदारी से वसूले गए। रूपए में से₹5 लाख अपने परिचित व सहयोगी संतोष कुमार शाही को ठेकेदारी करने के लिए दिया। जिससे ठेका दिलाने में अपने पदनाम का भी सहयोग करता है। 22 लाख रुपए मेडिकल स्टोर वाराणसी के डॉक्टर गुलाबचंद को बिजनेस के लिए दिया है। ठगी व रंगदारी से अर्जित लगभग 30 लाख रुपए मेरे स्वयं के नाम के विभिन्न बैंक खातों में जमा है। कानपुर शहर में पायनियर ग्रीन सिटी सिंहपुर सोसाइटी समिति में रहता है। वहीं निखिल शर्मा नामक व्यक्ति से अपने सहयोगियों प्रदीप सिंह व धर्मेंद्र कुमार यादव के सहयोग से पिछले साल नवंबर महीने में 20 लाख रुपए अपने नाम व पदनाम की धौंस जमाकर वसूला था।
बरामद माल
दोनों आरोपियों के पास से दो आधार कार्ड, दो पैन कार्ड, 1 एटीएम डेबिट कार्ड, एक क्रेडिट कार्ड, एक पहचान पत्र, चार बैंक खाता चेक बुक, दो हेल्थ कार्ड एवं धोखाधड़ी तथा रंगदारी में प्रयुक्त अर्जित 8 मोबाइल फोन एवं 2 कार व 5465 नगद रुपए बरामद हुए है।