×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

महिलाओं पर लाठीचार्ज: पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जबरन खदेड़ा, बिगड़ा माहौल

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोगों का विरोध थम नहीं रहा है। इसके विरोध में कई प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हुए हैं। महिलाओं को पुलिस ने जबरन हटा दिया।

Shivani Awasthi
Published on: 10 Feb 2020 9:08 AM IST
महिलाओं पर लाठीचार्ज: पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जबरन खदेड़ा, बिगड़ा माहौल
X

कानपुर: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोगों का विरोध थम नहीं रहा है। इसके विरोध में कई प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हुए हैं। इसी कड़ी में सोमवार को धरने पर बैठी महिलाओं को पुलिस ने जबरन हटा दिया। आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर उन्हें जबरन खदेड़ दिया। जिसके बाद भीड़ और पुलिस आमने सामने आ गयी। बताया जा रहा है कि पुलिस की इस कार्रवाई से इलाके में तनाव बढ़ गया है।

सीएए के खिलाफ धरने पर बैठी महिलाओं को पुलिस ने खदेड़ा:

दरअसल, उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में पिछले तीन हफ्तों से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ महिलाएं धरने पर बैठी हुई हैं। जिन्हें बार बार पुलिस धरना खत्म करने को लेकर समझा रही थी। बता दें कि महिलाएं शहर के चमनगंज स्थित मोहम्मद अली पार्क में धरना प्रदर्शन कर रही थीं।

ये भी पढ़ें: शाहीन बाग का रास्ता होगा साफ! सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई

वहीं शनिवार को यह धरना खत्म करने का ऐलान भी किया गया था लेकिन इसके बावजूद करीब 100 से ज्यादा लोग धरने पर डटे हुए थे। पुलिस ने रात में उन्हें पार्क खाली करने को कहा था, लेकिन सोमवार सुबह स्थिति बिगड़ गयी। करीब पांच बजे पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं पर लाठी चार्ज कर दिया और उन्हें जबरन पार्क से बाहर निकाल दिया।

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर किया पथराव:

इस मामले में महिलाओं का आरोप है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को पुलिस ने जबरन खत्म कराया है। हालाँकि पुलिस का कहना है कि भीड़ की तरफ से पत्थर फेंके गए, जिसके बाद लाठीचार्ज किया गया और प्रदर्शनकारियों को पार्क से बाहर कर उसे खाली कराया गया।

ये भी पढ़ें: दिल्ली चुनाव में 62.59% मतदान, EC ने बताया- आंकड़े बताने में क्यों हुई देरी

बता दें कि इससे पहले डीआईजी अनंत देव ने कहा था कि अगर धरना न खत्म हुआ तो प्रदर्शनकारियों पर पुलिस देशद्रोह की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी करेगी। दरअसल, पुलिस 80 लोगों को नोटिस पर 200 लोगों को इस बाबत पाबन्द कर चुकी है। ऐसे में धरने का नेतृत्व करने वालों और उपद्रवियों को पनाह देने के आरोपियों पर रासुका (राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई होने की बात कही गयी है।



\
Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story