Kanpur News: अब चीनी खाने से नहीं होगी शुगर, काई शैवाल की मदद से बनाई जाएगी शक्कर, जानिए क्या है ये नई तकनीक

Kanpur News: इस चीनी में मिठास के अलावा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स समेत शरीर के लिए जरूरी अधिकांश विटामिन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

Anup Panday
Published on: 22 April 2023 11:03 AM GMT
Kanpur News: अब चीनी खाने से नहीं होगी शुगर, काई शैवाल की मदद से बनाई जाएगी शक्कर, जानिए क्या है ये नई तकनीक
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Kanpur News (photo: social media )

Kanpur News: अब चीनी खाने से शुगर नहीं शरीर सेहतमंद रहेगा। ऐसा ही कुछ खास है इस चीनी में। दरअसल, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन व राजेश सिंह ने एक विशेष सुपर शुगर तैयार की है, जिसे काई (शैवाल) की मदद से बनाया गया है। इस चीनी में मिठास के अलावा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स समेत शरीर के लिए जरूरी अधिकांश विटामिन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके सेवन से मिठास मिलने के अलावा अनेक तरह की बीमारियों से सुरक्षित रहा जा सकता है। इसे प्राकृतिक तरीके से तैयार किया गया है। केमिकल का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं हुआ है।

स्पिरूलीना प्रजाति पर मिली कामयाबी

अलग-अलग रिसर्च के बाद स्पिरूलीना में कामयाबी मिली है। मौजूद प्रोटीन 86 से 90 फीसदी तक डाइजेस्ट होता है। खास बात यह है कि इस प्रोटीन को बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक प्रयोग कर सकते हैं। चीनी में काई व तुलसी को एक अनुपात पांच में रखते हैं।

काई करेगा वातावरण शुद्ध

राजेश सिंह के मुताबिक काई वातावरण में मौजूद कार्बन को सोखता है। अगर इस काई का उपयोग बड़े स्तर पर सुपर शुगर बनाने में किया जाए तो इसकी खेती कर किसानों को लाभ के साथ वातावरण को भी फायदा पहुंचेगा। इसकी खेती तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत कई प्रदेशों में शुरू हो गई है।

नासा से आई प्रेरणा,चीनी में काई व तुलसी मिलाकर मिली कामयाबी

प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि नासा में वैज्ञानिक एनर्जी व डाइट के लिए शैवाल का इस्तेमाल करते हैं। इसमें उच्च प्रोटीन के साथ कार्बोहाइड्रेट, विटामिन व मिनरल्स होते हैं। इससे प्रेरणा मिली और तीन साल पहले त्रिवेणी शुगर एंड इंडस्ट्री के उप महाप्रबंधक (गुणवत्ता नियंत्रण) राजेश सिंह के साथ रिसर्च शुरू की। लंबी रिसर्च के बाद चीनी में काई व तुलसी मिलाकर उसे सुपर शुगर बनाने में कामयाबी मिली है।

बाजार में 6 माह में मिलेगी सुपर शुगर

इस सुपर शुगर का ट्रायल पूरा हो चुका है।इसकी जानकारी प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि अगले तीन माह में इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया जाएगा। स्टोरेज क्षमता भी एक साल से अधिक व छह माह में यह सुपर शुगर बाजार में लोगों के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है। और ब्लडप्रेशर को कम करने में,खांसी में राहत,एनीमिया में प्रभावी,मांसपेशियों में ताकत,कोलेस्ट्राल का स्तर कंट्रोल करने जैसी बीमारियों में फायदेमंद है।

इसके प्रमुख तथ्य है ये

3 साल में रिसर्च पूरी हो चुकी है।सामान्य चीनी 40 रूपए प्रति किलो है।43 रुपये सुपर शुगर प्रति किलो मिलेगी तो वहीं 6 माह बाद बाजार में सुपर शुगर मिलेगी। और 15 राज्य में काई की खेती शुरु हो चुकी है।

ये होंगे पौष्टिक तत्व

प्रोटीन, फैटी एसिड, पोटेशियम, कैल्शियम, लोहा, जस्ता, फास्फोरस, विटामिन के बी1, बी3, बी6, बी9, बी12, सी, ई, कार्बोहाइड्रेट, एंटी ऑक्सीडेंट, अमीनो एसिड ये सब है इस चीनी में जो फायदेमंद है।

Anup Panday

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