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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण का रास्ता साफ, कोर्ट ने निर्माण को सही बताया
कोर्ट ने कॉरिडोर के निर्माण कार्यों के ख़िलाफ़ दाख़िल अवमानना याचिका को भी खारिज करते हुए तीनों याचिकाकर्ताओं पर पांच- पांच हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण में हरी झंडी दिखाते हुए निर्माण को सही बताया। कोर्ट ने कॉरिडोर के निर्माण कार्यों के ख़िलाफ़ दाख़िल अवमानना याचिका को भी खारिज करते हुए तीनों याचिकाकर्ताओं पर पांच- पांच हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
याचिका में हाई कोर्ट की अवमानना की कही थी बात
प्रदीप श्रीवास्तव व दो अन्य लोगों ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के खिलाफ याचिका दाखिल की थी।याचिकाकर्ताओं ने गंगा तट से 200 मीटर के दायरे में किसी तरह के निर्माण पर हाईकोर्ट के रोक के पुराने आदेश की अवमानना बताया था।
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याचिका में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्यों पर रोक लगाए जाने की मांग भी की गई थी। बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। मामले की सुनवाई जस्टिस एसपी केसरवानी की बेच में हुई।
कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ़
कोर्ट ने माना की निर्माण गंगा नदी के दो सौ मीटर के दायरे में हो रहा है। लेकिन जनहित को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा गठित कमेटी व अन्य विभागों ने निर्माण की अनुमति दी थी। कोर्ट ने ये भी कहा कि निर्माण से गंगा नदी में किसी तरह का प्रदूषण नही होगा
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क्योंकि सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करते हुए निर्माणकार्य किया जा रहा है। अदालत ने माना कि अवमानना याचिका में तमाम तथ्यों को छिपाया गया था। फिलहाल अदालत के इस फैसले के बाद कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ़ हो गया है।
रिपोर्ट- मनीष वर्मा