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अचानक क्यों बढ़ने लगी है काशी विश्वनाथ की आय, जानिए क्या है इसका राज
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर की आय में इस समय तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। मंदिर की आय भक्तों के चढ़ावे से बढ़ रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर की आय करोड़ रुपए प्रतिमाह हो गई जिसने पिछले रिकाॅर्ड को तोड़ दिए हैं।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर की आय में इस समय तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। मंदिर की आय भक्तों के चढ़ावे से बढ़ रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर की आय करोड़ रुपए प्रतिमाह हो गई जिसने पिछले रिकाॅर्ड को तोड़ दिए हैं।
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ऑनलाइन चढ़ावे की सुविधा से आय में काफी वृद्धि हुई है। बाबा विश्वनाथ मंदिर के बैंक खाते में भी 1 अरब का आंकड़ा पार हो चुका है। लेकिन अभी भी देश के अन्य धार्मिक मठों या मंदिरों की तुलना में काशी विश्वनाथ मंदिर की आय काफी कम है, लेकिन अगर वो अपने ही पिछले रिकॉर्ड को देखे तो यह काफी बड़ी बढ़ोत्तरी है।
जानिए कैसे और कितनी बढ़ी आय?
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक बीते वित्तीय वर्ष में काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों ने करीब 26 करोड़ रुपये चढ़ाया है। पिछले साल यह आय करीब 13-14 करोड़ रुपये थी अगर देखें तो इसमें दोगुना इज़ाफा हुआ। ये भी बताया गया कि भक्तों के लिए बनाए गए सुगम दर्शन और दूसरी सुविधाओं के लिए तैयार हेल्प डेस्क पर ही 6 करोड़ रुपये की आय हुई। असल में, हेल्प डेस्क के ज़रिए कतार में लगे बगैर सुगम दर्शन के लिए 300 रुपये के टिकट की व्यवस्था की गई है।
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आय बढ़ने के कारण?
मंदिर की आय बढ़ने के पीछे कहा रहा है कि बाबा विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण के तहत बाबा के दरबार से गंगा तट तक कॉरिडोर का जो निर्माण किया गया, उसने श्रद्धालुओं को खासा आकर्षित किया है। कई श्रद्धालु इस कॉरिडोर को देखने के लिए आ रहे हैं तो कई ऑनलाइन चढ़ावा भी दे रहे हैं। हेल्प डेस्क का विस्तार भी किया जा चुका है और यहां से टिकट के साथ ही दुपट्टा, रुद्राक्ष और स्मृति चिह्नों की बिक्री से भी आय हो रही है। श्रद्धालुओं को गेस्ट हाउस, आरती बुकिंग जैसी और भी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
बैंक बैलेंस और संपत्तियों में इज़ाफा
बाबा विश्वनाथ मंदिर के बैंक खाते में दस साल पहले कुल सात करोड़ रुपये जमा थे, लेकिन अब यह जमा धनराशि बढ़कर करीब 120 करोड़ हो गई है। करोड़ों की कीमत का सोना, चांदी और अचल सम्पत्ति इससे अलग है।
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बताया जाता है कि देश-विदेश में रहने वाले भक्तों के दान और मंदिर प्रबंधन को लेकर जो कदम उठाए गए, उनसे हर साल चढ़ावे का अनुपात बढ़ा। बैंक खाते में जमा राशि का आंकड़ा बीते साल 100 करोड़ के पार था। अब ताज़ा खबर ये है कि इस सावन महीने में चढ़ावे से मंदिर की आय 25 फीसदी ज़्यादा हुई है।