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केजीएमयू ने भी माना आयुर्वेद को, बताया 100 साल जीने का तरीका
केजीएमयू के कलाम सेन्टर में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में प्रो भट्ट ने बताया कि वायु, नींद, व्यायाम, सूर्य का प्रकाश और सुरक्षित पानी निशुल्क उपलब्ध है लेकिन हम इनका समुचित उपयोग न करने के कारण रोगी होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य की परिभाषा बताते हुए कहा कि वही मनुष्य स्वस्थ है जिसमें कार्य के प्रति उत्साह है तथा साथ ही वह करुणा और दया के भाव से युक्त है।
लखनऊ: राजधानी स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आज 100 वर्ष तक जीवन जीने के तरीके बताये गये। केजीएयू के कुलपति तथा आरोग्य भारती, अवध प्रान्त के अध्यक्ष प्रो एमएलबी भट्ट ने बताया कि यद्यपि भारत में औसत आयु दो गुनी हो गई हो पर यह आयु अनियमित जीवनशैली के कारण स्वस्थ नहीं है।
भारत में जीवेम शरदः शतम् के सूत्र के अनुसार 100 वर्षों तक समाज के लिए उपयोगी जीवन जीने की कला प्रचलित रही है।
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वायु, नींद, व्यायाम, सूर्य का प्रकाश और सुरक्षित पानी निशुल्क उपलब्ध है
केजीएमयू के कलाम सेन्टर में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में प्रो भट्ट ने बताया कि वायु, नींद, व्यायाम, सूर्य का प्रकाश और सुरक्षित पानी निशुल्क उपलब्ध है लेकिन हम इनका समुचित उपयोग न करने के कारण रोगी होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य की परिभाषा बताते हुए कहा कि वही मनुष्य स्वस्थ है जिसमें कार्य के प्रति उत्साह है तथा साथ ही वह करुणा और दया के भाव से युक्त है।
स्वस्थ जीवन के सूत्र देते हुए उन्होंने बताया कि रात्रि 10 बजे से प्रातः 4 बजे तक गहरी नींद में सोना चाहिए। गहरी नींद के लिए शरीरिक श्रम करना चाहिए, रात के समय चाय, कोल्ड ड्रिंक्स आदि का सेवन न करें। समुचित विटामिन डी के लिए 40 मिनट रोज, वर्ष में 40 दिन तथा शरीर को 40 प्रतिशत हिस्से को सूरज की रोशनी में रखना चाहिए।
दूध का सेवन रात के खाने के डेढ घण्टे के बाद करना चाहिए
सूर्योदय से सवा दो घण्टे के अन्दर तक सुबह के नाश्ता कर लेना चाहिए और जिसमें फलों का सेवन लाभकारी है दोपहर में मठ्ठा तथा दही का भी सेवन लाभकारी है रात का भोजन सूर्यास्त के 40 मिनट के अन्दर कर लेना चाहिए। दूध रात के खाने के डेढ घण्टे के बाद लेना चाहिए चीनी, मैदा, सफेद नमक और चावल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है इसकी जगह गुड, चोकर युक्त आटा, सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए। रागी की रोटी अथवा जौ की रोटी सहजन की सब्जी से खायें।
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इसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है जिससे हड्डियां और जोड़ मजबूत रहते है। व्यायाम की सलाह देते हुए प्रो भट्ट ने कहा कि नियमित व्यायाम करना चाहिए सुबह से शाम तक पूरे दस हजार कदम चलना चाहिए। योगासन प्राणायाम व ध्यान को जरुर अपनी जीवन शैली में शामिल करना चाहिए।