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Lucknow News: केजीएमयू के डॉक्टरों से मिला शिक्षक को नया जीवन, भगवान की तरह बना दिया 'चेहरा'

Lucknow News: 2021 में एम्स ऋषिकेश में जीवन बचाने के लिए उनकी सर्जरी हुई, जिसमें उन्होने अपनी दाहिनी आंख, ऊपरी जबड़ा और दांत सहित लगभग आधा चेहरा खो दिया। सामान्य खाना, निगलना, बोलना और कक्षाएं लेना लगभग असंभव हो गया था। चेहरा बुरी तरह प्रभावित हुआ। समाज का सामना करना एक बड़ी चुनौती बन दई थी।

Anant Shukla
Published on: 19 April 2023 8:57 PM IST (Updated on: 19 April 2023 9:03 PM IST)
Lucknow News: केजीएमयू के डॉक्टरों से मिला शिक्षक को नया जीवन, भगवान की तरह बना दिया चेहरा
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artificial body part

Lucknow News: डाक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। इस कथन के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डाक्टरों नें साबित कर दिया। एक 56 वर्षीय स्कूल शिक्षक को दूसरी लहर में कोविड हुआ इसके बाद 'ब्लैक फंगस' या म्यूकोर्मिकोसिस, जिसने उनके दाहिने चेहरे का अधिकांश भाग नष्ट कर दिया। 2021 में एम्स ऋषिकेश में जीवन बचाने के लिए उनकी सर्जरी हुई, जिसमें उन्होने अपनी दाहिनी आंख, ऊपरी जबड़ा और दांत सहित लगभग आधा चेहरा खो दिया। सामान्य खाना, निगलना, बोलना और कक्षाएं लेना लगभग असंभव हो गया था। चेहरा बुरी तरह प्रभावित हुआ। समाज का सामना करना एक बड़ी चुनौती बन दई थी।

उपचार 2 चरणों में

मरीज मदद के लिए केजीएमयू लखनऊ के मैक्सिलोफेशियल प्रोस्थेटिक यूनिट, प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग आया। मैक्सिलोफेशियल प्रोस्थेटिक यूनिट के प्रभारी प्रोफेसर सौम्येंद्र वी. सिंह ने कहा कि पुनर्वास जटिल था। इसमें 9 महीने लगे। उपचार 2 चरणों में किया गया था। पहले में ओबट्यूरेटर प्रोस्थेसिस बनाया गया, जिससे रोगी का खाना, बोलना और निगलना पुनः संभव हो पाया। दूसरे चरण में फेशियल प्रोस्थेसिस बनाई गई, जिससे मरीज को अपने छात्रों और समाज का सामना करने का आत्मविश्वास दिया।

दिया नया चेहरा

विभागाध्यक्ष प्रो. पूरन चंद ने बताया कि डिजिटल स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री का उपयोग करके ऑर्बिटल प्रोस्थेसिस जो की सिलिकॉन से बनती है, को वास्तविक त्वचा जैसा बनाया गया। ऑबट्यूरेटर प्रोस्थेसिस, जो ऐक्रेलिक से बनाई जाती है, को नवीनतम 3डी टेक्नोलॉजी से प्रिंट किया गया। इसके बाद रोगी को सामान्य व्यक्ति जैसा फेस दिया गया।

इन डॉक्टरों ने किया सफल इलाज, वीसी ने की सराहना

इस टीम में प्रोफेसर जितेंद्र राव, डॉ दीक्षा आर्य और डॉ ए सुनयना टीम के अन्य सदस्य थे। रोगी ने कहा कि वह अध्यापन फिर से शुरू करेंगे और सेवानिवृत्ति के बाद भी मुफ्त में शिक्षण जारी रखेंगे। वीसी लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने मैक्सिलोफेशियल प्रोस्थेटिक यूनिट द्वारा किए जा रहे काम की सराहना की और कहा कि यूनिट की उन्नति की योजना बनाई जा रही है।



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