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यहां करो इश्क! बड़ा अजीब है ये गांव, दिलचस्प है इसकी कहानी
इस गांव में रिवाज थोड़े दूसरे हैं। यह गांव अपनी विरासत का पालन बखूबी कर रहा है लेकिन यहां पुलिस का आने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। यही नहीं, यहां पर तो शराब, सिगरेट और चमड़े का सामान लेकर आना भी सख्त माना है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश की गिनती देश के बेहद खूबसूरत राज्यों में होती है। बर्फ की चादर से ढका हिमाचल प्रदेश अपने आपमें एक अलग विरासत समेटे हुए है। हिमाचल में ही एक छोटा शहर है, जिसका नाम है कुल्लू। कुल्लू सिर्फ अपनी खूबसूरती ही नहीं बल्कि एक और चीज के लिए फ़ेमस है।
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दरअसल यहां के एक गांव में अजीबो-गरीब रिवाज है। वैसे तो आपको दो प्यार करने वालों के कई दुश्मन मिल जाएंगे लेकिन कुल्लू में एक ऐसा गांव है, जहां आपके प्यार पर कोई पहरा नहीं लगाएगा। इस गांव का नाम शांघड़ है। यही नहीं, यहां एक मंदिर भी है, जिसको शंगचुल महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
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कहा जाता है कि घर से भागे प्रेमी जोड़ों को शंगचुल देव शरण देते हैं। अगर किसी भी जाति के प्रेमी युगल शंगचूल महादेव की सीमा में आते हैं तो उनका उसके बाद फिर कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। यही नहीं, इसपर प्रशासन भी कोई पहरा नहीं डालता। जी हां, यहां प्यार पर प्रशासन भी पहरा नहीं डालता।
ये परंपरा पांडवों के समय से चली आ रही
बताया जाता है कि पांडव अज्ञातवास के समय यहां कुछ समय के लिए रूके थे। कौरव उनका पीछा करते हुए यहां आ गए। तब शंगचूल महादेव ने कौरवों को रोका और कहा कि यह मेरा क्षेत्र है और जो भी मेरी शरण में आएगा उसका कोई कुछ बिगाड़ सकता। महादेव के डर से कौरव वापस लौट गए। तब से लेकर आज तक जब भी कोई समाज का ठुकराया हुआ शख्स या प्रेमी जोड़ा यहां शरण लेने के लिए पहुंचता है, महादेव उसकी देखरेख करते हैं।
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इस गांव में रिवाज थोड़े दूसरे हैं। यह गांव अपनी विरासत का पालन बखूबी कर रहा है लेकिन यहां पुलिस का आने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। यही नहीं, यहां पर तो शराब, सिगरेट और चमड़े का सामान लेकर आना भी सख्त माना है। इसके अलावा आप इस गांव में कोई हथियार लेकर भी नहीं जा सकते हैं।