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बिग चेंजः परदेस जाने को तैयार नहीं श्रमिक, अब नहीं छोड़ेंगे घर
उत्तर प्रदेश सरकार के एनआरआई विभाग की रिपोर्ट से। दरअसल एनआरआई विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की गई इस रिपोर्ट में हर वर्ष काम की तलाश में विदेश जाने वालों के आंकड़े दिए गए हैं।
लखनऊ: कोरोना ने दुनिया भर में दहशत पैदा कर दी है। इस दहशत ने अपने घर परिवार और वतन की अहमियत को भी उजागर किया है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश से काम की तलाश में दूसरे देशों का रुख करने वालों की संख्या में भारी गिरावट आई है। अब ये कामगार अपने वतन में रहकर ही ज़िंदगी बसर करने के तरीके ढूंढ रहे हैं।
साल 2016 में सबसे ज्यादा इस साल सबसे कम
ये हम नहीं कह रहे, ये खुलासा हुआ है उत्तर प्रदेश सरकार के एनआरआई विभाग की रिपोर्ट से। दरअसल एनआरआई विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की गई इस रिपोर्ट में हर वर्ष काम की तलाश में विदेश जाने वालों के आंकड़े दिए गए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक इस साल यानी कोरोना संकट में सबसे कम कामगार अपने घरों को छोड़ कर विदेश गये हैं।
इस साल यानी 2020 में सिर्फ 27 हज़ार लोगों ने ही विदेश का रुख किया। इसी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में सबसे ज्यादा यानी करीब एक लाख 43 हज़ार श्रमिक रोज़गार के लिए विदेश गए थे। पिछले साल यानी साल 2019 में एक लाख 16 हज़ार कामगार विदेश गए थे पर ये संख्या भी 2016 के मुकाबले कम ही है।
कोरोना ने भी काटे पंख
साल 2020 में कोरोना के चलते भी कामगारों और श्रमिकों ने विदेश जाने का इरादा छोड़ दिया। एक तो बीमारी का खतरा ,दूसरे फ्लाइट्स की कमी ने भी इनके इरादों को कमज़ोर कर दिया। कोरोना के डर से ही सभी देशों ने बाहर से होने वाली आवाजाही के नियम सख्त कर दिए हैं।ऐसे में अब ये श्रमिक अपने शहर और गांव में रहकर ही आजीविका के साधन तलाश रहे हैं। इसके साथ ही बाहर के देशों में इस वायरस का प्रकोप है ऐसे में दूसरे देश में जाकर बीमार होने से बचने के लिए भी श्रमिक अभी अपने देश में ही काम कर रहे हैं।-
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कौन से देश है पसंदीदा डेस्टिनेशन
प्रदेश से रोज़गार के लिए पलायन करने वालों में से ज्यादातर लोग खाड़ी देशों यानी यूएई,सऊदी अरब ,ओमान और कुवैत का चुनाव करते हैं। इनके अलावा काफी बड़ी तादाद में श्रमिकों बहरीन,इंडोनेशिया ,इराक कुवैत ,मलेशिया जैसे देशों में भी अपनी किस्मत आजमाने जाते हैं। के इन देशों में बढ़ई, ड्राइवर, पेंटर, इलेक्ट्रीशियन, लेबर, प्लंबर ,मिस्त्री, रसोइयेजैसी जॉब्स के लिए लोगों की काफी मांग है। यूपी से ज्यादातर लोगों की खपत इन्ही जॉब्स के लिए है।
किन ज़िलों से ज्यादा पलायन
इसी रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि यूपी के 9 ज़िलों से सबसे ज्यादा श्रमिक विदेश जाकर रोज़गार तलाशते हैं। चौंकाने वाली बाच यह है कि इनमें सबसे बड़ा हिस्सा राजधानी का है। लखनऊ के लोग अपना भाग्य बदलने के लिए सबसे ज्यादा देश से बाहर जाते हैं। 2016 में लखनऊ के करीब 16 हज़ार लोग रोज़गार के लिए विदेश गए।
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कोरोना वाले साल यानी चल रहे 2020 में अब तक यह संख्या महज़ ढाई हज़ार तक ही जा सकी है। लखनऊ के अलावा विभाग की जारी की गयी सूची में कुशीनगर, देवरिया, आज़मगढ़,गोरखपुर,बिजनौर,महाराजगंज,मऊ और मुजफ्फरनगर के लोग भी टाप 12 जिलो में हैं जहां पर लोग विदेशों में काम तलाशते हैं।