सालों से नहीं खाया अन्न, दूध-पानी और चाय पर जिंदा, वजह जान दंग रह जाएंगे आप

सुधीर ने बताया कि उसने कई लोगों से मदद मांगी लेकिन घरवालों से लेकर सामाजिक संस्थाओं तक किसी ने भी उसकी मदद नहीं की।

Newstrack
Published on: 15 March 2021 11:16 AM GMT
सालों से नहीं खाया अन्न, दूध-पानी और चाय पर जिंदा, वजह जान दंग रह जाएंगे आप
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सालों से नहीं खाया अन्न, दूध-पानी और चाय पर जिंदा, वजह जान दंग रह जाएंगे आप

लखीमपुर खीरी: तराई के जिला लखीमपुर खीरी में इलाज के अभाव में ऑटो चालक पिछले 4 वर्षों से दूध पानी और चाय के सहारे जिंदा है। दिनभर ऑटो चला कर कुछ रुपए कमाता है, और अपना जीवन यापन कर रहा है।

क्या है मामला

लखीमपुर खीरी के निघासन पलिया में एक दुर्घटना का शिकार हुए 25 वर्षीय युवक सुधीर की दास्तां बताने जा रहे हैं जो जिला लखीमपुर खीरी के विकासखंड पलिया के ग्राम पलिया देहात का निवासी है। सुधीर की माने तो अप्रैल 2017 में धोखे से उसे कुछ लोगों ने तेजाब पिला दिया गया था। जिससे उसकी गले की नली सिकुड़ गई। सुधीर की आर्थिक स्थिति सही ना हो पाने के चलते वह जिला अस्पताल में इलाज कराता रहा, लेकिन उसका इलाज जिला अस्पताल में मुमकिन नहीं था। जब सुधीर ने बाहर जाकर इलाज कराने का प्रयास किया तो इलाज में तीन चार लाख रुपए का खर्चा बताया गया। इतना पैसा न होने के कारण वह विगत 4 वर्षों से ऐसे ही अपना जीवन गुजर बसर कर रहा है।

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लोगों ने नहीं की सुधीर की मदद

यूं तो बड़े-बड़े एनजीओ, समाजसेवी संस्थाएं व राजनीतिक लोग समाज सेवा का ढिंढोरा पीटते घूमते हैं, लेकिन ऐसे मजबूर लोगों की मदद करने वाला कोई नजर नहीं आता है। सुधीर ने बताया कि उसने कई लोगों से मदद मांगी लेकिन घरवालों से लेकर सामाजिक संस्थाओं तक किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। सुधीर का कहना है कि वह कुछ खा नहीं पाता है केवल पिछले 4 वर्षों से चाय, दूध व पानी के सहारे ही जीवन गुजार रहा है। अगर वह कुछ खाता है तो वह उसकी गले की नली में फस जाता है जिसे उल्टी कर बाहर करना पड़ता है।

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30 मार्च को होगा ऑपरेशन

सुधीर ने बताया कि वह एक ऑटो रिक्शा चलाता है जिसमें वह अपने मालिक को ₹300 किराया देने के बाद जो पैसा बचता है उससे अपना जीवन गुजर-बसर कर रहा है। हालांकि अब सुधीर को एक उम्मीद की किरण नजर आई है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड के जरिए वह लखनऊ स्थित मेडिकल कॉलेज में दिखाने गया था, जहां उसे आगामी 30 मार्च को ऑपरेशन के लिए बुलाया गया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद

सुधीर का कहना है कि अब ऑपरेशन के बाद ही पता चलेगा कि वह कुछ खा पाएगा या नहीं फिलहाल तो वह लिक्विड के सहारे ही जीने को मजबूर है। सुधीर से जब यह पूछा गया कि अगर वह सही हो जाता है तो वह किस को धन्यवाद देगा तो उसने भारत सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया।

रिपोर्ट- शरद अवस्थी

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