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करोड़ों रूपए की जमीन दर्ज हुई मुर्दों के नाम
खुलासे में पता चला कि राजस्व निरीक्षक, 5 सरकारी कर्मचारी, वकील ने दो जमीन खरीददारों के साथ मिलकर करोड़ो की 100 बीघा जमीन एक मुर्दे के नाम कर दी। नबाबगंज के गांव अटंगा चांदपुर के अबरार हुसैन की 100 बीघा जमीन को खतौनी में जालसाजी कर उसे तारिक नाम के शख्स के नाम कर दिया गया।
बरेली: यूपी के बरेली में राजस्व विभाग के कर्मचारियों, अफसरों और वकील ने मिलकर करोड़ो की 100 बीघा जमीन मुर्दे के नाम चढ़वा दी। कई सालों तक चली जांच के बाद अब जाकर डीएम के आदेश पर कानूनगो , वकील समेत दस कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। अब इन कर्मचारियो पर निलंबन और गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है। खतौनी में जालसाजी कर नबाबगंज के गांव डंडिया नजमुल निशा में सौ बीघा जमीन हड़पने की साजिश का पर्दाफाश हो गया है।
खुलासे में पता चला कि राजस्व निरीक्षक, 5 सरकारी कर्मचारी, वकील ने दो जमीन खरीददारों के साथ मिलकर करोड़ो की 100 बीघा जमीन एक मुर्दे के नाम कर दी। नबाबगंज के गांव अटंगा चांदपुर के अबरार हुसैन की 100 बीघा जमीन को खतौनी में जालसाजी कर उसे तारिक नाम के शख्स के नाम कर दिया गया। जांच में पता चला कि तारिक की मौत तो 11 साल पहले ही हो चुकी थी। इस मामले में तत्कालीन एडीएम सिटी ओपी वर्मा ने एसीएम फर्स्ट जलालुद्दीन से जांच करवाई।
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जांच में सामने आया कि 2005 में चकबन्दी कोर्ट में अबरार की जमीन की खतौनी पर हापुड़ के तारिक का नाम दर्ज कर तहसील में अमलदारमद करा लिया गया था। 2014 में उप संचालक चकबन्दी रमाकांत शुक्ला ने इसे खारिज करने का आदेश दिया तो आरोपियो ने 2016 में व्हाइटनर लगाकर उनका आदेश भी पलट दिया। इस साजिश में सीओ चकबन्दी के अहलमद रमोद सक्सेना और तारिक के बेटे फिरोज की साठगांठ सामने आई। फिरोज ने एडीएम सिटी के सामने स्वीकार किया कि इस मामले में उसकी चकबन्दी अहलमद रमोद से 15 लाख की डील हुई थी।
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जिसके बाद डीएम वीरेंद्र सिंह के आदेश पर शहर कोतवाली में जेल रोड़ के रहने वाले एडवोकेट सत्यवीर सिंह , सुंदरी गांव के राजस्व निरीक्षक चोखे सिह , परगना अरेंजर राम मनोहर सक्सेना , नकल नवीस रकमुल हसनैन , अहलमद चकबंदी अधिकारी रमद कुमार सक्सेना , हापुड़ में रसीद नगर के रहने वाले फिरोज खान , गुरगवां गांव के मेघनाद , न्यायालय उप संचालक चकबंदी आफिस में चपरासी मसीरुद्दीन के खिलाफ धोखाधड़ी , जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है। डीएम वीरेंदर कुमार सिंह ने बताया कि राजस्व अभिलेखागार में कर्मचारियों द्वारा अभिलेखों में छेड़छाड़ की गई थी | जिसकी एडीएम स्तर पर जाँच कराई गई थी | मामला सही पाए जाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है |