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लोकतंत्र की आड़ में कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा- CM योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने कहा-मैं डंके की चोट पर कह रहा हूँ कि प्रदेश सरकार द्वारा पिछले समय में दी गई ढाई लाख नौकरियों में पूरी तरह से आरक्षण के नियमों का पालन किया गया है। प्रदेश में 56 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई है, जिसमें 28 लाख छात्र पिछड़े वर्ग के हैं।

SK Gautam
Published on: 19 Feb 2020 9:01 PM IST
लोकतंत्र की आड़ में कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा- CM योगी आदित्यनाथ
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CM Yogi adityanath

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सिर पर टोपी पहनने से धर्म नहीं हो जाता है। धर्म का मतलब कर्तव्य और दायित्व का निर्वहन है। रामराज्य की बात करते हैं- हर कोई नहीं जान पायेगा कि रामराज्य है क्या? मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यह साबित हो गया है कि जो लोग रामभक्त थे, वे सही थे, और उनपर गोली चलाने वाले गलत थे।

मुख्यमंत्री ने कहा- नौकरियों में पूरी तरह से आरक्षण के नियमों का पालन किया गया

उन्होंने कहा कि 19 दिसम्बर 2019 को असामाजिक तत्वों के साथ ऐसे संगठन भी शामिल हुए थे, जो इस देश की शांति के खिलाफ काम करने के लिए टेरर फंडिंग लेकर काम करते हैं। उन्होंने विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज किया कि मौजूदा सरकार में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा-मैं डंके की चोट पर कह रहा हूँ कि प्रदेश सरकार द्वारा पिछले समय में दी गई ढाई लाख नौकरियों में पूरी तरह से आरक्षण के नियमों का पालन किया गया है। प्रदेश में 56 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई है, जिसमें 28 लाख छात्र पिछड़े वर्ग के हैं। सीएम ने कहा कि हमारे लिए दल से बड़ा देश है। हमारी सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी।

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देश को सर्वोपरि मानकर ही अपनी सोच बनानी होगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिर नागरिकता कानून का विरोध क्यों हो रहा है। इस कानून को भाजपा ने नहीं बनाया है। यह कानून 1955 में बना था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता आएगी और जाएगी, पर देश से बड़ा कुछ नहीं हो सकता। हमें देश को सर्वोपरि मानकर ही अपनी सोच बनानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को भी लालच दिया गया था, परंतु वे जानते थे कि वंचितों, शोषितों और दलितों का हित कहां है, इसलिए वे टस से मस नहीं हुए।

बाबा साहब आजाद भारत में संविधान के शिल्पी और फिर कानून मंत्री बने

परन्तु जोगेन्द्र नाथ मंडल नाम के कानूनविद जिन्ना के बहकावे में आकर पाकिस्तान चले गए। वे वहां के कानून मंत्री भी बने लेकिन जल्द ही उनका मोहभंग हो गया और जोगेन्द्र नाथ मंडल 1950 में भारत आ गये। तब उन्हें यहां शरणार्थी बनकर रहना पड़ा। वे एक गुमनाम जिंदगी जिये और गुमनामी में ही उनकी मौत हो गयी। दूसरी ओर बाबा साहब आजाद भारत में संविधान के शिल्पी और फिर कानून मंत्री बने।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश ने राष्ट्रभक्त बाबासाहब को पूरा सम्मान दिया। आज देश में बाबा साहब के पांच स्मारक हैं, उन्हें देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न दिया गया। यह होता है एक देशभक्त का सम्मान। लोगों को यह तय करना होगा कि उन्हें किस रास्ते को चुनना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश है और यह देश रहेगा परन्तु देश के साथ गद्दारी करने वालों को गुमनामी की मौत के अलावा कुछ नहीं मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग इस देश के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के समर्थन में अपने बेटे-बेटियों को भी भेजने से गुरेज़ नहीं करते। ऐसे लोगों को टेरर फंडिंग से चलने वाले पीएफआई जैसे आतंकी संगठन का समर्थक ही कहा जायेगा।



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