×

धांधली से चुनाव जीती BJP, 13 को करेंगे आंदोलन का ऐलान: ओम प्रकाश शर्मा

विधान परिषद में पिछले 48 साल से सदस्य रहे शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा इस बार चुनाव हार गए हैं। मेरठ की शिक्षक वर्ग सीट का परिणाम भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा के पक्ष में गया है।

Newstrack
Published on: 4 Dec 2020 7:09 PM IST
धांधली से चुनाव जीती BJP, 13 को करेंगे आंदोलन का ऐलान: ओम प्रकाश शर्मा
X
विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा ने चुनाव हारने के बाद न्यूज ट्रैक से कहा कि भाजपा ने धांधली व बूथ कैप्चरिंग कर चुनाव जीता है।

लखनऊ: विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा ने चुनाव हारने के बाद न्यूज ट्रैक से कहा कि भाजपा ने धांधली व बूथ कैप्चरिंग कर चुनाव जीता है। सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया गया है। फर्जी मतदाता सूची तैयार कराकर धांधली की गई है। शिक्षक अब सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे। 13 दिसंबर को लखनऊ की बैठक में आंदोलन पर फैसला किया जाएगा।

ये भी पढ़ें:IPL में 2 नई टीमों को मिल सकती है जगह | Los Angeles Olympics 2028 | BCCI

48 साल से सदस्य रहे शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा इस बार चुनाव हार गए हैं

विधान परिषद में पिछले 48 साल से सदस्य रहे शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा इस बार चुनाव हार गए हैं। मेरठ की शिक्षक वर्ग सीट का परिणाम भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा के पक्ष में गया है। परिणाम घोषित होने के बाद न्यूज ट्रैक से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं-मंत्रियों ने साजिश कर उन्हें चुनाव हराया है। सब यही चाहते थे कि विधान परिषद में शिक्षक संघ और शर्मा गुट का नाम खत्म हो जाए। इसके लिए फर्जी शिक्षकों को मतदाता सूची में शामिल कराया गया।

बड़े पैमाने पर धांधली कर चुनाव हराया गया है। इससे शिक्षक समुदाय का मनोबल कमजोर नहीं हुआ है बल्कि अब शिक्षकों को अहसास हो गया है कि यह सरकार न तो शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए गंभीर है और न शिक्षकों को सम्मान देना ही चाहती है। उन्होंने कहा कि समाज में योगी-योगी, मोदी-मोदी का भ्रमजाल बनाकर लोगों को गुमराह किया गया है। अब शिक्षक समुदाय इस माहौल से लोगों को बाहर निकालेगा। हम लोग अब अपने घरों पर स्टिकर लगाएंगे कि भाजपा के वोट मांगकर हमें शर्मिंदा न करें। 13 दिसंबर को लखनऊ में माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक बुलाई गई है जिसमें आंदोलन की रणनीति पर विचार किया जाएगा। अब सरकार से शिक्षकों का सदन के बाहर मुकाबला होगा।

पहले सदन में आई शिकायतों पर सरकारें करती थीं कार्रवाई

शिक्षक दल नेता ने बताया कि विधान परिषद में उन्होंने अपने 48 साल बिताए हैं। मौजूदा सरकार के मंत्री तो सदन में भी गैरजिम्मेदार दिखाई देते हैं लेकिन पहले सरकारें किसी भी मामले के उठने पर तत्काल रिस्पांस करती थीं। सदन में सदस्य की सूचना को सरकार के मंत्री गंभीर मानकर कार्रवाई करते थे लेकिन अब तो सरकार के मंत्री अपने अधिकारियों को बचाने में लगे रहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी जब भी सदन में रहते तो सदस्यों की ओर से सदन में कही बात के महत्वपूर्ण अंश को कागज पर नोट कर लेते थे। अगर सदस्यों ने सरकारी अधिकारियों के कामकाज में लापरवाही की बात बताई होती थी तो उस पर कार्रवाई कराते थे।

ये भी पढ़ें:भारत बंद का एलान: 8 को किसानों का महा आंदोलन, दिल्ली में होगा चक्का-जाम

मेरी बात नोट की और दी गई जानकारी की रिपोर्ट मंगाई

उन्होंने बताया कि एक बार वाराणसी के जिला विद्यालय निरीक्षक के लोभपूर्ण व्यवहार की जानकारी सदन में साझा की तो नारायण दत्त तिवारी वहां मौजूद थे। वह उस सरकार में वित्त मंत्री थे। उन्होंने मेरी बात नोट की और दी गई जानकारी की रिपोर्ट मंगाई। इसके बाद तीन दिन भी नहीं बीते जब वाराणसी से उस अधिकारी को हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि आज सदन में ऐसे दृश्य नहीं दिखते। अब तो शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिकारियों का भी सरकार पक्ष लेती दिखाई देती है।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story