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UP Electricity Workers Strike: जारी रहेगी बिजलीकर्मियों की हड़ताल, ऊर्जा मंत्री और संघर्ष समिति के बीच वार्ता विफल

UP Electricity Workers Strike: शनिवार देर रात प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के बीच सहमति नहीं बन सकी है। देर रात तीन घंटे तक चली लंबी वार्ता विफल रही, जिसका मतलब है कि रविवार को भी हड़ताल जारी रहेगी।

Aman Kumar Singh
Published on: 19 March 2023 4:06 AM IST (Updated on: 19 March 2023 5:15 AM IST)
UP Electricity Workers Strike: जारी रहेगी बिजलीकर्मियों की हड़ताल, ऊर्जा मंत्री और संघर्ष समिति के बीच वार्ता विफल
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UP Electricity Workers Strike: उत्तर प्रदेश में फिलहाल बिजली संकट जारी रहेगा। शनिवार देर रात प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के बीच सहमति नहीं बन सकी है। देर रात तीन घंटे तक चली लंबी वार्ता विफल रही। संघर्ष समिति के नेता चेयरमैन एम देवराज को हटाने सहित अन्य मांगों पर अड़े रहे। नतीजन, हड़ताल का कोई हल नहीं निकल सका। बिजलीकर्मचारियों की हड़ताल कल भी जारी रहेगी।

देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल शनिवार (18 मार्च) को दूसरे दिन भी जारी रही। ऊर्जा मंत्री और संघर्ष समिति के बीच वार्ता के बीच लग रहा था कि इसका कोई हल निकलेगा, लेकिन वार्ता विफल रही जिसका मतलब है कि उत्तर प्रदेश की जनता को अभी बिजली की किल्लत से जूझना पड़ेगा। इस बीच राजधानी लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में बिजली कर्मचारी नेता शैलेंद्र दुबे सहित 22 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।



... तो जेल भरो आन्दोलन पर होंगे मजबूर

यूपी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेताओं ने साफ-साफ कहा था कि, वह किसी भी कीमत पर 72 घंटे से पहले हड़ताल वापस नहीं लेंगे। साथ ही ये भी कहा कि यदि बिजली कर्मियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई इन 72 घंटों में की जाती है। तो बिजली कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और जेल भरो आंदोलन पर मजबूर होंगे।

1332 संविदाकर्मी बर्खास्त, 22 कर्मचारी नेताओं पर FIR

गौरतलब है कि, यूपी सरकार ने हड़ताली बिजली कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए 22 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इनके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। वहीं, 1332 संविदा कर्मियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है। हड़ताल की वजह से प्रदेश के कई जिलों में बिजली संकट पैदा हो गई है। जबकि, फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप होने की जानकारी आ रही है। जलापूर्ति भी प्रभावित हुई है।

हटाए गए कर्मचारियों को फिर से लें, तभी ड्यूटी ज्वाइन करेंगे

दूसरी तरफ, बिजली कर्मचारी नेता शैलेंद्र दुबे ने आज शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, 'संघर्ष समिति के 22 पदाधिकारियों पर एफआईआर की गई है। एफआईआर दर्ज हो गई तो हमें गिरफ्तार करें। हम यहां आ गए हैं, अब जाएंगे नहीं। उन्होंने कहा, हमारे पास वार्ता का कोई निमंत्रण नहीं है। हटाए गए कर्मचारियों को फिर से लेंगे तभी ड्यूटी ज्वाइन करेंगे। शैलेंद्र दुबे ने ये भी कहा, हमारा जनता को तकलीफ पहुंचाने का उद्देश्य नहीं है। अगर, बर्खास्तगी का आदेश आएगा तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। एस्मा या रासुका लगे तब भी हम पीछे नहीं हटेंगे। निजीकरण का विरोध पुरजोर तरीके से करेंगे।

...तो जेल भरो आंदोलन में बदल जाएगा

प्रेस कॉन्फ्रेंस में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आगे कहा, कि 'संघर्ष समिति ऊर्जा मंत्री से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है। आगे कहा, निविदा/संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश एवं बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों के विरूद्ध FIR दर्ज करने तथा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश के चलते टकराव और बढ़ गया है। बिजलीकर्मी शांतिपूर्वक 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं। किन्तु, उक्त दमनात्मक कदमों से ये हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में तथा जेल भरो आन्दोलन में बदल सकती है।'



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Aman Kumar Singh

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