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विधानसभा उपचुनावः घोसी में चंद्रशेखर पर तीखी तकरार

चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर पाला बदल कर सपा से भाजपा में शामिल हो गये है और वह घोसी में भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रहे है। प्रचार के दौरान भाजपा से राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा में क्षत्रियों का सम्मान नहीं होता है।

SK Gautam
Published on: 30 Aug 2023 9:22 PM IST
विधानसभा उपचुनावः घोसी में चंद्रशेखर पर तीखी तकरार
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लखनऊ: प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए आगामी 21 अक्टूबर को मतदान होगा। सभी उपचुनाव वाले क्षेत्रों में कल यानी 19 अक्टूबर के बाद चुनाव प्रचार बंद हो जायेगा। इस बीच जहां उपचुनाव वाली सभी सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों के बीच सरकार के ढ़ाई साल के कामकाज पर बहस चल रही है लेकिन मऊ की घोसी विधानसभा उपचुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सियासी बहस के केंद्र में है। घोसी में चंद्रशेखर के बहाने क्षत्रिय मतदाताओं को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी तकरार जोरों पर है।

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सपा में क्षत्रियों का सम्मान नहीं होता है

दरअसल, चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर पाला बदल कर सपा से भाजपा में शामिल हो गये है और वह घोसी में भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रहे है। प्रचार के दौरान भाजपा से राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा में क्षत्रियों का सम्मान नहीं होता है। यही कारण है कि केवल घोसी विधानसभा सीट पर सपा के घोषित प्रत्याशी सुधाकर सिंह का चुनाव चिन्ह वाले पत्र पर पार्टी अध्यक्ष ने हस्ताक्षर नहीं किए, जिससे उनका नामांकन पत्र खारिज हो गया।

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महज एक बंगले के लिए भाजपा के कदमों में जा गिरे: सपा प्रवक्ता राजीव राय

इस पर पलटवार करते हुए सपा प्रवक्ता राजीव राय ने कहा कि चंद्रशेखर समाजवादी थे जबकि नीरज शेखर अवसरवादी और महज एक बंगले के लिए भाजपा के कदमों में जा गिरे हैं। राजीव राय ने कहा कि नीरज शेखर को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह किसके बेटे हैं। चन्द्रशेखर जी जैसे लोग सदियों में एक पैदा होते हैं। चन्द्रशेखर जी ने मात्र छोटी से बात के लिए पीएम तक कुर्सी छोड़ दी थी।

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय ने कहा कि इनके पिता ने तो इनको ग्राम प्रधान लायक भी नहीं समझा था। जब उनका स्वर्गवास हुआ तो ये सड़क पर आ गये थे लेकिन अखिलेश यादव ने उनको सड़क से उठाकर संसद तक पहुंचा दिया। अभी तो नीरज शेखर का कार्यकाल बाकी था लेकिन उनको सिर्फ एक बंगले की चिन्ता थी, इसलिए वह भाजपा के कदमों में जा गिरे तो ऐसे अवसरवादी लोगों के बारे में क्या कहा जाए।

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40 हजार सर्वण मतदाताओं में क्षत्रियों का बड़ा हिस्सा है

इस सीट पर जातिगत आंकड़ा देखा जाये तो यहां के करीब 40 हजार सर्वण मतदाताओं में क्षत्रियों का बड़ा हिस्सा है। इसके अलावा मुस्लिम वोटर 60 हजार, यादव 40 हजार, अनुसूचित जाति 20 हजार, राजभर 45 हजार, चैहान 35 हजार, कुर्मी 4 हजार, निषाद 15 हजार, मौर्या 12 हजार, भूमिहार 15 हजार और पिछड़े मतदाताओं की संख्या 20 हजार है।



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