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जाल में फंसा तेंदुआ: शिकारी ने बिछाया था जाल, दो घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

घटना की सूचना पर डीएफओ पुष्प कुमार के, एसडीओ चंद्रेश्वर सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। तेंदुए की जान बचाने के लिए रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया गया।

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Published on: 6 Nov 2020 1:23 PM GMT
जाल में फंसा तेंदुआ: शिकारी ने बिछाया था जाल, दो घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
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जाल में फंसा तेंदुआ: शिकारी ने बिछाया था जाल, दो घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन (Photo by social media)

महराजगंज: महराजगंज की सोहगीबरवां सेंक्‍चुरी में गुरुवार की रात एक तेंदुआ शिकारियों के जाल में फंस गया। शिकारी उसे कब्जे में लेने गए तो उसकी गुर्राहट सुन भाग खड़े हुए। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने दो घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तेंदुए को मुक्त कराया। इस दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत हुई।

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घटना की सूचना पर डीएफओ पुष्प कुमार के, एसडीओ चंद्रेश्वर सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। तेंदुए की जान बचाने के लिए रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया गया। दो घंटे तक चले रेस्क्यू में गोरखपुर से विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की टीम ने तेंदुए को ट्रैंकुलाइज कर पिंजरा में बंद किया गया। बता दें कि सोहगीबरवा सेंक्चुरी के निचलौल रेंज के जंगल से भटककर गुरुवार की रात एक तेंदुआ करमहिया व गुलरभार गांव के बीच सीवान में गंडक नाले के नरकट व बेंत की झाड़ियों में बिछाए गए शिकारियों के जाल में फंस गया।

वनरक्षक की सूचना पर एसडीओ वन घनश्याम राय व रेंजर डीएस तिवारी टीम के साथ मौके पर पहुंचे

शुक्रवार की सुबह खेत की ओर गए ग्रामीणों ने नाला की झाड़ियों में फंसे तेंदुए की गुर्राहट की आवाज सुनीं और नजदीक से देखने के बाद इसकी सूचना वन रक्षक निजाम को दी। वनरक्षक की सूचना पर एसडीओ वन घनश्याम राय व रेंजर डीएस तिवारी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। झाड़ी में फंसे तेंदुए को देख उच्चाधिकारियों को सूचना दी। अपराह्न एक बजे से रेक्स्यू आपरेशन शुरू किया गया। कई प्रयास के बाद ट्रैंकुलाइजर गन से तेंदुआ को बेहोश कर उसे पिंजरे में बंद किया गया। उसके कमर व शरीर के अन्य हिस्से में फंसे शिकारियों के जाल का स्नेयर वायर काट कर निकाला गया।

वन विभाग ने रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया

जंगल से भटके तेंदुए को नाला की झाड़ी से बाहर निकालने के लिए वन विभाग ने रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया। जाल व पिंजड़ा मौके पर मंगाया गया। तेंदुए को ट्रैंकुलाइज करने के लिए गोरखपुर से प्रशिक्षित पशु चिकत्सकों को बुलाया गया। एक बजे के बाद उसे ट्रैंकुलाइज करने की कार्रवाई शुरू हुई। अपराह्न तीन बजे के बाद तेंदुआ को ट्रैंकुलाइजर गन से बेहोश करने के बाद उसे पिजड़े में बंद कर इलाज शुरू किया गया।

गुलरभार गांव के शिकारी को हिरासत में लिया

शिकारियों के जाल में तेंदुआ के फंसने के मामले में वन विभाग गुलरभार गांव के एक व्यक्ति को पकड़ कर पूछताछ शुरू कर दी है। क्योंकि घटना स्थल के पास ही वह केला की खेती के लिए मचान बनाकर रखवाली कर रहा था। आशंका जताई जा रही है वन्यजीवों को जाल में फंसाने के लिए स्नेयर जाल बिछाया गया था।

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तेंदुआ को देखने उमड़ी भीड़, नियंत्रित करने में परेशान हुई पुलिस

तेंदुए को झाड़ी में फंसा होने की सूचना पर आसपास के गांव करमहिया, गुलरभार, मिश्रौलिया, गिरहिया, बैठवलिया आदि गांवों के लोगों की भीड़ लग गयी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेंजर डीएस तिवारी ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने भीड़ को नाला से दूर हटाया। गुलरभार गांव के पास नाला में तेंदुआ बेंत व नरकट की घनी झाड़ियों के पास फंसा था। वन विभाग के मुताबिक शिकारियों द्वारा सुअरों के शिकार के लिए लगाए गए तार में तेंदुआ का पूरा शरीर फंसा था। कमर फंसे होने के कारण वह बाहर निकलने में असमर्थ था। इसी वजह से ग्रामीणों की भीड़ देखकर तेंदुआ गुर्रा रहा था। पुलिस के पहुंचने पर जब भीड़ हटाई गई तब जाकर उसका गुर्राहट कुछ कम हुई।

पूर्णिमा श्रीवास्तव

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