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कहां है विकास: गांव में बिना खंबे लगे आया बिजली का बिल, बहुत बुरा है हाल

हमीरपुर जिले के वह दर्जनों गांवो में जहां पर देश कि आजादी के बाद से विकास कि मुलभुत जरूरतें जैसे सड़क, पानी, स्वास्थ, शिक्षा ओर विद्युत की आज तक कमी है।

Aradhya Tripathi
Published on: 1 Jun 2020 4:32 PM IST
कहां है विकास: गांव में बिना खंबे लगे आया बिजली का बिल, बहुत बुरा है हाल
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हमीरपुर: कहने को तो हमारे देश को आजाद हुए सत्तर साल से अधिक हो गए और इन तेहत्तर सालो में देश और प्रदेश में दर्जनों सरकारें आईं और चली गईं। और हर सरकार ने विकास के ढेरों वादे किए। लेकिन अगर आपको विकास कि हकीकत को जानना है तो चलिए और देखिये हमारे साथ उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के वह दर्जनों गांवो में जहां पर देश कि आजादी के बाद से विकास कि मुलभुत जरूरतें जैसे सड़क, पानी, स्वास्थ, शिक्षा ओर विद्युत की आज तक कमी है। जिनमें से एक समस्या विद्युत की समस्या का आज तक कोई हल नहीं निकल पाया। गांवों में विद्युत सप्लाई अब तक नहीं पहुच पाई है। लेकिन विद्युत विल जरूर भेज दिया है।

बिना खंबे लगे आ गया बिल

आज हम आपको बुंदेलखंड के उन दूर दराज गाँवो से रूबरू करवाएंगे जहां पर आजादी के सत्तर साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इन गांवों की न तो तस्वीर बदली है और ना ही तक़दीर। आज भी इन गांवों वालों को अपने गांव के विकास का इन्तजार है। यूं तो बुंदेलखंड का नाम आते ही याद आता है हजारों करोड़ों का विकास के लिए भेजा गया पैकेज और ढेर सारी योजनाएं। लेकिन यह पैकेज और विकास की योजनाएं इन गांवों से मानो जैसे कोसों दूर हैं। यहाँ पर देश की आजादी के बाद आज तक कोई भी सरकार गांव को रोशन नहीं मुहैया करवा पाई। सबसे पहले बात करते हैं हमीरपुर जिले के मुस्करा विकासखण्ड के महेरा गांव की। यहां गांव के फूलसिंह का डेरा में एक अनोखा विकास सामने आया है। डेरा में रहने वाले लोगो ने बताया के विद्युत विभाग की एक बड़ी लापरवाही के चलते उनके डेरे में एक ऐसा वाकया हुआ जो कि एक चमत्कार से कम नहीं है।

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डेरा के लोगो ने शिकायत करते हुए बताया कि आज से लगभग 7-8 महीने पहले विद्युत विभाग के ठेकेदारों द्वारा उनको मीटर देकर कनेक्शन तो कर दिए गए। लेकिन आज तक वहां न तो कोई विद्युत पोल लगा और न ही तार। लाइट आने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। लेकिन उनका बिल जरूर आने लगा है। एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री जी देश को डिजिटल इंडिया बनाने का सपना सजाये बैठे हैं तो वहीं विद्युत विभाग के इस चमत्कारी कारनामे ने उनके सपने की धज्जियाँ उड़ा के रख दी। फूलचंद के डेरा में आदिवासी की तरह जिंदगी गुजारने को मजबूर लोगो को विकास के नाम पर मिली इस चमत्कारी सौगात से सभी लोग जितने हैरान है उतने ही परेसान भी।

आज भी दिए और चिराग जलाकर करते हैं काम

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डेरा के लोगों ने बताया कि विकास के नाम पर आज तक जहां उनको सिर्फ आश्वासन मिलता रहा है तो वहीं आज उन्हें बिना बिजली के खंबों एवम तारों के हजारों का बिल भी थमा दिया गया। डेरा के निवासियों ने पत्रकारों से अपना दुख प्रकट करते हुए शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। आज हम आपको ऐसे ही गांव तस्वीर दिखाते हैं। जहां पर हम आज इक्कीसवीं सदी की बातें करते हैं और विकास की बड़ी बड़ी बातें हैं। वहीं पर इन गाँवो की हकीकत को जान कर हमें यह सोचने को मजबूर कर देती है कि आखिरकार विकास हुआ है तो इन गावो में विकास का एक भी पत्थर क्यों नहीं लगा।

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जी हां यह गांव है हमीरपुर जिले का महेरा गांव हमारे जिले के सरकारी अधिकारी व जन प्रतिनिधियों ने आज तक इस गांव में विकास की मुलभुत सुविधाओं को पहुचाने की जेहमत तक नहीं उठाई। शायद इसी लिए इस गांव में न तो कोई मूलभूत सुविधा और ना ही विधुत की कोई ब्यवस्था है। इस गांव में ठेकेदार द्वारा बिजली के तार और खंबे खड़े कर के अपने गांव के कुछ घरों को रोशन करने की कोशिस की लेकिन आधे से ज्यादा गांव आज भी भी शाम होते ही अपने घरों में चिराग जला कर रोज के कामो को करते हैं। और गांव के बच्चे लालटेन की रौशनी में अपने भविष्य को संवारने की कोशिश करते हैं।

रिपोर्ट- रविन्द्र सिंह

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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