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लॉकडाउन: इतने प्रतिशत लोगों का कटा वेतन, 15 प्रतिशत की नौकरी जाने की आशंका

कंपनियां खराब आर्थिक हालात से गुजर रही है। इसका असर इन कंपनियों के कर्मचारियों पर भी पड़ रहा है। कई कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर रही है तो कई ने छंटनी करने का मन बना लिया है।

SK Gautam
Published on: 5 May 2020 11:22 AM GMT
लॉकडाउन: इतने प्रतिशत लोगों का कटा वेतन, 15 प्रतिशत की नौकरी जाने की आशंका
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लखनऊ। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लाकडाउन लागू है। बीती 24 मार्च से लाकडाउन के कारण पूरे देश में कंपनियों के बंद होने के कारण व्यवसाय पर काफी खराब असर पड़ा है। कंपनियां खराब आर्थिक हालात से गुजर रही है। इसका असर इन कंपनियों के कर्मचारियों पर भी पड़ रहा है। कई कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर रही है तो कई ने छंटनी करने का मन बना लिया है। कई कंपनियां ऐसी भी है, जहां कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बगैर वेतन के अनिश्चितकालीन छुट्टी पर भेज दिया है। कई कंपनियों ने नई नियुक्तियों पर रोक लगा रखी है।

15 प्रतिशत लोग नौकरी जाने की आशंका

कोरोना और लाकडाउन के बीच कंपनियों और उनके कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर इकोनामिक्स टाइम्स के आनलाइन सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में शामिल होने वाले तीन हजार से ज्यादा लोगों में से 39 प्रतिशत ने वेतन में कटौती की बात स्वीकारी तो 15 प्रतिशत लोग नौकरी जाने की आशंका से ग्रस्त पाए गए। इस सर्वे में शामिल होने वालों में 41 प्रतिशत लोग 26 से 35 वर्ष के आयुवर्ग के थे। इसमे भी सबसे ज्यादा 36 प्रतिशत लोग आईटी सेक्टर से थे। सर्वे में ज्यादातर लोग 50 हजार से एक लाख रुपये मासिक वेतन पाने वाले थे।

9 प्रतिशत लोगों ने 35 प्रतिशत से ज्यादा कटौती की बात कही

सर्वे में सामने आया कि दो लाख रुपये से ज्यादा वेतन पाने ज्यादातर लोगों के वेतन में 16 से 25 प्रतिशत की कटौती की गई है। जबकि 10 से 14 साल का अनुभव रखने वाले 17.9 प्रतिशत लोगों को अपनी नौकरी जाने का ड़र है। सर्वे में शामिल 6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके वेतन में 25 से 35 प्रतिशत तक कटौती की गई है। 9 प्रतिशत लोगों ने 35 प्रतिशत से ज्यादा कटौती की बात कही। 13 प्रतिशत लोगों ने 15 से 25 प्रतिशत तक कटौती किए जाने तथा 27 प्रतिशत लोगों ने 5 से 15 प्रतिशत वेतन में कटौती किए जाने की बात स्वीकारी।

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जबकि 45 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उनके वेतन में केवल 5 फीसदी की कटौती की गई है। इसके बाद भी सर्वे में शामिल लोगों में से 43 फीसदी अपनी मौजूदा नौकरी को जारी रखना चाहते है। बावजूद इन बातों के 43 फीसदी लोग नई नौकरी न तलाश कर अपनी मौजूदा नौकरी को करते रहना चाहते हैं। जबकि 27 प्रतिशत ने इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं किया और 30 प्रतिशत ने माना कि उनके पास मौजूदा नौकरी से ज्यादा अच्छी नौकरी का आफर है।

31 प्रतिशत जल्द से जल्द दूसरी नौकरी तलाशना चाहते है

सर्वे के मुताबिक 54 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि कोविड-19 का उनके व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा। जबकि 3 प्रतिशत कंपनियां बंद भी हो सकती है। सर्वे में नौकरी जाने पर अपने खर्चों के प्रबंधन के संबंध में 50 प्रतिशत लोगों ने ऐसी आपात स्थिति के लिए उनके पास इमरजेंसी फंड होने की बात कही तो 31 प्रतिशत जल्द से जल्द दूसरी नौकरी तलाशना चाहते है। जबकि 8 प्रतिशत लोग आपात स्थिति से निपटने के लिए लोन लेना पसंद करेंगे और 13 प्रतिशत लोग ऐसे है जो अपने दोस्तों या रिश्तेदारों से उधार लेने की सोच रहे है।

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50 प्रतिशत लोगों ने मौजूदा काम की दक्षता को बढ़ाया

सर्वे में शामिल लोगों में से 60 प्रतिशत ने वर्क फ्राम होम को वरीयता दी है। ऐसे लोगों में 41 प्रतिशत लोगों की उम्र 26 से 35 साल के बीच है। जबकि 40 प्रतिशत लोग वर्क फ्राम होम को पसंद नहीं करते। लाकडाउन के दौरान 9 प्रतिशत लोगों ने अपने मौजूदा काम के अलावा नया काम सीखा है और 50 प्रतिशत लोग ऐसे मिले जिन्होने अपने मौजूदा काम की दक्षता को बढ़ाया है, इसमे 59.8 प्रतिशत लोगों के पास 10 से 14 साल का कार्य अनुभव है। जबकि 41 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्होंने अपनी कार्यक्षमता को कोई वृद्धि नहीं की है।

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