लॉकडाउन: फंसे छात्रों को घर पहुंचाएगी सरकार, जानें प्रयागराज से कब-कब जाएंगी बसें

अपने घर से दूर दूसरे जनपदों में जाकर पढ़ाई करने वाले और इस लॉकडाउन में यथास्थिति फंसे छात्र-छात्राओं ने सोमवार को राहत की सांस ली।

Dharmendra kumar
Published on: 27 April 2020 5:57 PM GMT
लॉकडाउन: फंसे छात्रों को घर पहुंचाएगी सरकार, जानें प्रयागराज से कब-कब जाएंगी बसें
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प्रयागराज: अपने घर से दूर दूसरे जनपदों में जाकर पढ़ाई करने वाले और इस लॉकडाउन में यथास्थिति फंसे छात्र-छात्राओं ने सोमवार को राहत की सांस ली। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जो भी छात्र और छात्राएं अपने घर जाना चाह रहे है प्रशासन की तरफ से उन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री का आदेश जारी होने के बाद इन सभी लोगो को बसों के द्वारा इन्हें घर भेजा जा रहा है।

गौरतलब है कि प्रयागराज में भी विभिन्न जनपदों से काफी संख्या में छात्र और छात्राएं आकर अपनी पढ़ाई करते है लेकिन इन दिनों कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में ये सभी प्रयागराज में फंसे हुए थे जिसके चलते इन्हें काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा था।

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इन सभी छात्र और छात्राओ को प्रशासन ने दो चरणों मे घर भेजने का फैसला लिया है। पहले चरण में सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फतेहपुर एवं चित्रकूट जनपद के छात्र छात्राओं को उनके जिलों में भेजा जाएगा । इन जनपदों को जाने वाली बसें रात्रि 9 बज़े से रात्रि 12 बज़े के बीच एवं अगले दिन सुबह 8 बज़े से जाएंगी।

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जौनपुर, भदोही, वाराणसी एवं चंदौली के लिए सिविल लाइंस हनुमान मन्दिर से हिंदू हॉस्टल चौराहे के बीच बसें रवाना होंगी। तो वहीं,सोनभद्र, मिर्जापुर एवं चित्रकूट जनपद के लिए सिविल लाइंस हनुमान मन्दिर और मेडिकल चौराहे से बसें जाएंगी । फतेहपुर औऱ कौशाम्बी के लिए बसें सिविल लाइंस पत्थर गिरजाघर के पास से जाएंगी और प्रतापगढ़ के लिए लोकसेवा आयोग चौराहे के पास से।

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दूसरे चरण में 29-4-20 को सुबह 10 बज़े से अन्य जनपदों के लिए बसें रवाना होंगी। अपने गृह जनपद जाने वाले छात्र छात्राओं को अपने विश्विद्यालय, महाविद्यालय, शिक्षण संस्थान द्वारा ज़ारी पहचान पत्र एवं कोचिंग संस्थानो द्वारा ज़ारी फोटोयुक्त पहचान पत्र अथवा विगत दो वर्षों में किसी प्रतियोगी परीक्षा में प्रतिभाग करने संबंधी प्रवेश पत्र लाना अनिवार्य होगा।

सरकार का ये फैसला जहां एक ओर उन बच्चों के लिए राहत भरा है वहीं उनके अभिभावकों को भी सुकून देने वाला है।

रिपोर्ट: मनीष वर्मा

Dharmendra kumar

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