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कोरोना संकट के बीच बुन्देलखंड में आई बड़ी आफत, लोगों को भारी नुकसान

झांसी के आस-पास पिछले एक सप्ताह में तीन बड़े टिड्डी दल का आगमन हुआ, जिसने बडे पैमाने पर किसानों के द्वारा लगायी गई जायद की फसल पर धावा बोलकर बर्बाद कर दी।

Dharmendra kumar
Published on: 30 May 2020 11:03 PM IST
कोरोना संकट के बीच बुन्देलखंड में आई बड़ी आफत, लोगों को भारी नुकसान
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झांसी: झांसी के आस-पास पिछले एक सप्ताह में तीन बड़े टिड्डी दल का आगमन हुआ, जिसने बड़े पैमाने पर किसानों के द्वारा लगायी गई जायद की फसल पर धावा बोलकर बर्बाद कर दी। यह टिड्डी दल पिछले दिनों पाकिस्तान की सीमा से भारत में घुसा और राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश होते हुए बुन्देलखण्ड के क्षेत्र किया।इसके यहां आने के बाद से ही लगातार किसानों के द्वारा अपनी फसल के नुकसान होने की खबर सुनायी जा रही है। कुछ जगहों पर किसानों के द्वारा थाली से आदि ध्वनिवादक यंत्रों से आवाज कर उन्हें भगाने की कोशिश कर रहे है।

1993 के बाद सबसे बड़ा टिड्डी दल का हमला

लोग बताते है कि 1993 के बाद यह सबसे बड़ा टिड्डी दल का हमला है। इसके प्रभाव को इसी के द्वारा देखा जा सकता है कि इसको दुनिया के सबसे खतरनाक कीटो की श्रेणी मेें रखा गया है। जब झांसी जिले में टिड्डी दल ने प्रवेश किया था, प्रशासन के द्वारा रात्रि में कई स्थानों पर कीटनाशक का छिड़काव कर लाखों टिड्डी को मारा है लेकिन अभी भी जो भी टिड्डी बची हुयी है वह लगातार रूप से किसानों का नुकसान कर रही है। इन्ही टिड्डी दल के एक दल ने कल झांसी के बबीना ब्लाॅक के सिमरिया, रसीना, सुकुवां, ठाकुरपुरा, गनेशपुरा गांव के किसानों के खेतों पर हमला बोलकर किसानों की पूरी फसल चैपट कर दी। बुन्देलखण्ड में पहले से ही दैवीय आपदा झेल रहे किसान लाॅकडाउन और अब टिड्डीयों के हमले के कारण निराश हो रहे है।

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किसानों पर आया आर्थिक संकट

ग्रामीण बबीना कोमल रैकवार बताते है कि उनके परिवार के द्वारा गर्मियों में अपनी आजीविका चलाने के लिए हर वर्ष विभिन्न सब्जी की खेती करते है जिससे वह कुछ पैसा अभी कमा लेते है जो खरीफ की फसल बोने के काम आ जाता है, लेकिन टिड्डी दल के द्वारा इस वर्ष उनकी फसल पर हमला होने के कारण उनके अभी से आर्थिक तंगी का साया हो गया है, अब अपनी रोजमर्रा के खाद्यान्न सामान की आपूर्ति करने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं है।

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सिमरिया गांव में अपने खेतों में बाजरा की फसल चैपट हो जाने के बाद राजेन्द्र एवं सीताराम बताते है लाॅकडाउन के बाद बदहाल हो चुकी जिंदगी को सवारने के लिए केवल इसी खेती को देखकर वह संतोष करते थे कि कुछ दिनों के बाद कुछ पैसा आ जायेगा लेकिन बीच में टिड्डी दल के हमले के कारण सब फसल चैपट हो गयी, अब केवल मजदूरी के सहारे ही हम अपनी आजीविका चलायेगे।

क्या कहना है समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों का

परमार्थ संस्था के राजेश कुमार कहते है कि टिड्डी दल के हमले के बाद क्षेत्र में जाकर जब किसानों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनकी टमाटर, बैगन, भिण्डी, तुराई, लौकी, बाजरा आदि की सभी फसले टिड्डी के द्वारा नष्ट कर दी गयी है। जहां से भी यह दल निकला पूरी तरह से फसलों को नष्ट करता हुआ चला गया।जल जन जोडो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह न कहा कि बुन्देलखण्ड के किसानों की आपदा कम होने का नाम नही ले रही एक तरफ यह इलाका अतिवृष्टि,अनावृष्टि से प्रभावित रहता है। वही अब टिड्डी दल के द्वारा भी गर्मियों में सब्जी पैदा करने वाले किसानों को नुकसान पहुचाया गया है। जिससे इस इलाके में किसान की आर्थिक स्थिति बहुत खराब होगी, लोगों ने कर्ज लेकर बडी मेहनत से सब्जी लगायी थी। वह सब्जी टिड्डी ने नष्ट कर दी।

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सरकार करे किसानों की आर्थिक मदद

सामाजिक कार्यकर्ता अमित त्रिपाठी ने सरकार से टिड्डी दल द्वारा किये गये नुकसान की किसानों को आर्थिक मदद करने की मांग की।



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Dharmendra kumar

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