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UP सरकार की अदूरदर्शिता व गलत नीतियों से बिगड़ रहे हालात: अखिलेश यादव

सपा अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि आज की बदहाली के लिए भाजपा सरकार स्वयं जिम्मेदार है। सरकार का ध्यान बीमारी से निबटने में नहीं है।

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Published on: 6 Aug 2020 3:40 PM GMT
UP सरकार की अदूरदर्शिता व गलत नीतियों से बिगड़ रहे हालात: अखिलेश यादव
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि यूपी में कानून व्यवस्था की तरह कोरोना बीमारी भी पूरी तरह से अराजक हो चली है। भाजपा सरकार अपनी अदूरदर्शिता तथा गलत नीतियों के चलते स्थिति को सुधारने के बजाय और ज्यादा बिगाड़ने में तुली है। सरकार ने अपनी हठधर्मी से विपक्ष की उचित सलाह भी नहीं मानी। अखिलेश ने कहा कि यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं स्वयं बुरी तरह बीमार हैं। स्थिति इतनी गम्भीर है कि सत्तारूढ़ दल के ही एक दर्जन मंत्री और विधायक कोरोना की चपेट में हैं तथा एक कैबिनेट मंत्री की दुखद मृत्यु हो चुकी है।

प्रदेश की बदहाली के लिए भाजपा जिम्मेदार- अखिलेश

सपा अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि आज की बदहाली के लिए भाजपा सरकार स्वयं जिम्मेदार है। सरकार का ध्यान बीमारी से निबटने में नहीं है। सरकार की प्राथमिकता में कोरोना से बचाव होना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या कारण है कि यूपी में बड़ी संख्या में बीमारी से लोग प्रभावित हो रहे हैं? भाजपा सरकार ने साढ़े तीन वर्ष में कौन सी मेडिकल सुविधाएं विकसित की हैं? मुख्यमंत्री या उनकी टीम के अफसरान बतायें कि भाजपा सरकार के किन मेडिकल कॉलेजों में कोविड-19 का इलाज हो रहा है? अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में जो भी मेडिकल कॉलेज हैं, वे सभी सपा सरकार में बने थे। भाजपा सरकार ने एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं बनाया।

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Akhilesh Yadav Akhilesh Yadav

कोविड-19 के इलाज की उचित व्यवस्था तक नहीं है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को ओपीडी में इलाज मिलना मुश्किल हो गया है। यहां तक कि गम्भीर मरीज भी इलाज के लिए घंटों तड़पते रहते हैं। कोरोना जांच की व्यवस्था भी चरमराई हुई है। मुख्यमंत्री की दिक्कत यह है कि उनके बयान तो बहुत दिखते हैं किन्तु जमीनी स्तर पर उनका कहीं पालन होते नहीं दिखाई देता है। सरकार के तमाम दिशा निर्देशों का पालन भी धीरे-धीरे घटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण पर अंकुश नहीं लग पाने से लोगों में भय व्याप्त है और वे मनोवैज्ञानिक रूप से हताशा के शिकार हो रहे हैं। लगातार पांच महीनों से तमाम प्रतिबंधों में रहते हुए परिवार परेशान हो रहे हैं। सैकड़ों आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं। बच्चों के स्कूल-कॉलेज भी बंद चल रहे हैं।

कोविड अस्पतालों में नहीं मिल रहा अच्छा खान-पान- सपा प्रमुख

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अखिलेश ने कहा कि भूख-प्यास, उपचार और स्वच्छता से रिक्त उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की व्यवस्था मरीजों को और ज्यादा बीमार कर रही है। व्यवस्था में लगे लोग भी उसकी चपेट में आ रहे है। जनसामान्य तो वैसे भी रामभरोसे रहने को विवश है और अब कोरोना वारियर्स भी सरकारी उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं।

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जब कोरोना वारियर्स को ही घटिया खाना दिया जाएगा, सही इलाज और देखरेख नहीं होगी तो उनका मनोबल घटना तय है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में स्वास्थ्यकर्मियों को भोजन नहीं मिलने और बरेली में सैनिटाइजर खरीद में भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं। बदायूं में क्वारंटीन सेंटर पर मरीज भूख से तड़प रहे हैं। कानपुर में संक्रमित लोगों की तादाद बढ़ी है पर, प्रशासन निष्क्रिय है।

राज्य में एम्बुलेंस का अभाव- अखिलेश

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सपा मुखिया ने कहा कि राज्य में एम्बुलेंस तक का अकाल पड़ गया है। लखनऊ के तेलीबाग में एक आयुष डाक्टर की कोराना से मौत के 17 घंटे बाद भी शव वाहन नहीं मिला तो केसरीखेड़ा के विक्रमनगर निवासी 36 साल के युवक की मदद की गुहार के 24 घंटे बाद एम्बुलेंस पहुंची। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार किए थे।

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मरीजों के इलाज के लिए 108 और 102 नम्बर एम्बुलेंस सेवाएं, एक रुपए के पर्चे पर इलाज और सभी जांचे मुफ्त तथा गम्भीर रोगों कैंसर, किडनी, दिल और लीवर के भी मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई थी। लेकिन भाजपा ने इन सभी व्यवस्थाओं को चैपट कर दिया है।

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