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प्रमोशन की सिफारिश पड़ी मंहगी, AKTU के प्रोफेसर डॉ. सतेन्द्र हुए सस्पेंड, जानें वजह

चयन समिति द्वारा डॉ. सतेन्द्र को आचार्य पद पर प्रोन्नति के लिए अर्ह नही पाया गया। इसके उपरांत डॉ. सतेन्द्र की पत्नी द्वारा शासन को शिकायत कर प्रोन्नति प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए।

Newstrack
Published on: 27 March 2021 3:31 PM GMT
प्रमोशन की सिफारिश पड़ी मंहगी, AKTU के प्रोफेसर डॉ. सतेन्द्र हुए सस्पेंड, जानें वजह
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प्रमोशन की सिफारिश पड़ी मंहगी, AKTU के प्रोफेसर डॉ. सतेन्द्र हुए सस्पेंड, जानें वजह

लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि के घटक संस्थान आईईटी, लखनऊ के इलेक्ट्रिकल विभाग के सह आचार्य डॉ सतेन्द्र सिंह को प्रोन्नति के लिए प्रस्तुत प्रमाण पत्रों के कूटचरित किये जाने के प्राथमिक प्रमाण मिलने के बाद निलंबित कर दिया गया है| कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत डॉ. सतेन्द्र द्वारा सह-आचार्य से आचार्य पद के लिए दावेदारी प्रस्तुत की गयी थी| इसके लिए डॉ. सतेन्द्र द्वारा विभिन्न शैक्षिक एवं शोध सम्बन्धित उपलब्धियों के दस्तावेज प्रस्तुत किये गये थे| समिति द्वारा किये गये परीक्षण में कतिपय दस्तावेजो के कूटचरित होने की बात सामने आई थी, जिसके बाद विवि प्रशासन द्वारा डॉ सतेन्द्र को निलंबित कर दिया गया है|

प्रोन्नति पर उठे सवाल

पिछले दिनों आईईटी में कैरियर एडवांसमेन्ट स्कीम की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। चयन समिति द्वारा डॉ. सतेन्द्र को आचार्य पद पर प्रोन्नति के लिए अर्ह नही पाया गया। इसके उपरांत डॉ. सतेन्द्र की पत्नी द्वारा शासन को शिकायत कर प्रोन्नति प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए। उनकी पत्नी द्वारा कहा गया कि डॉ. सतेन्द्र की प्रोन्नति नियमानुसार की जानी चाहिए थी, जो नहीं की गई। उनकी शिकायत पर सभी प्रपत्रों की जांच की गई, तो यह स्पष्ट हुआ कि डॉ सतेन्द्र ने खुद ही कई प्रमाणपत्र ऐसे लगाए थे जो कूटरचित प्रतीत हो रहे थे। जिन संस्थानो के प्रमाणपत्र उनके द्वारा लगाए गए, उन संस्थानों द्वारा इन्हें कूटरचित बताया गया।

Satendra suspended

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निलम्बित किए गए डॉ. सतेन्द्र

ऐसी विषम स्थिति को देखते हुए डॉ. सतेन्द्र को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। साथ ही प्रकरण की जाँच के लिए एक त्रिसदस्यीय समिति बना दी गयी है| इस समिति में एचबीटीयू के आचार्य प्रो. करुणाकर सिंह, विवि के डीन पीजी प्रो एमके दत्ता एवं विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजीव कुमार शामिल हैं| जांच समिति एक माह में प्रकरण की जांच कर आख्या प्रस्तुत करेगी|

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