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स्मृति ईरानी जबाब दें, अमेठी की पीड़ित महिलाएं आत्मदाह को मजबूर क्यों: कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष वीरेंद्र चैधरी ने कहा कि अमेठी से आई दो महिलाओं का लोकभावन के सामने आत्मदाह के प्रयास में कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है।

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Published on: 20 July 2020 1:31 PM GMT
स्मृति ईरानी जबाब दें, अमेठी की पीड़ित महिलाएं आत्मदाह को मजबूर क्यों: कांग्रेस
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लखनऊ: यूपी कांग्रेस ने कहा है कि राजधानी लखनऊ स्थित लोकभवन के सामने अमेठी की दो महिलाओं द्वारा आत्मदाह किये जाने की घटना पर सोची समझी रणनीति के तहत, साजिशन कांग्रेस और उसके प्रवक्ता का नाम घसीटा जा रहा है। पार्टी का कहना है कि पूरे प्रदेश में जंगलराज है, अपराधियों और पुलिस का गठजोड़ चरम पर है। प्रदेश की जनता अपराधियों और पुलिस के रवैऐ से त्राहिमाम कर रही है। प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था को छुपाने के लिए योगी आदित्यनाथ की पुलिस कांग्रेस प्रवक्ता को साजिश में फंसाने का काम कर रही है।

योगी सरकार अपनी ध्वस्त कानून व्यवस्था का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ रही- कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष वीरेंद्र चैधरी ने सोमवार को कहा कि अमेठी से आई दो महिलाओं का लोकभावन के सामने आत्मदाह के प्रयास में कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। आत्मदाह मामले में कांग्रेस की संलिप्तता पुलिस द्वारा गढ़ा गया झूठ है। उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन या उसके आसपास पीड़िता न तो अनूप पटेल से मिली न फोन पर बात की। चैधरी ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश की ध्वस्त कानून-व्यवस्था का ठीकरा कांग्रेस के ऊपर फोड़ कर प्रदेश की जनता को गुमराह करना चाहती है। उन्होंने कहा कि योगी की पुलिस पीड़िता को धमका कर मनमाना बयान दिलवा रही है, ताकि कांग्रेस को बदनाम किया जा सके और पीड़िता को उसके परिजनों और मीडियाकर्मियों तक से मिलने नहीं दे रही है।

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यूपी कांग्रेस उपाध्यक्ष ने बताया कि अपनी पीड़ा बयान करने व न्याय पाने के लिए गुहार लगाना किसी भी पीड़ित का नागरिक अधिकार है। उसी के तहत आत्मदाह करने वाली पीड़िता विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर गयी थी जिसमें अनूप पटेल ने पीड़िता को मीडिया में अपनी व्यथा रखने में मदद की थी जो किसी भी तरह गैर कानूनी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जंगलराज का यह आलम है अमेठी की जामों की रहने वाली दो महिलाएं दबंगो और पुलिस की रवैए से इतनी परेशान थीं कि उन्हें आत्मदाह को मजबूर होना पड़ा। इधर, कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने इस मामलें में अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी को घेरते हुए कहा कि लॉकडाउन में जनता की सेवा करने के बजाय लूडों और अंताक्षरी खेल रही अमेठी की सांसद के क्षेत्र में सत्ता संरक्षण में अपराध इतना बढ़ गया कि जनता आत्मदाह को मजबूर है और वह गायब हैं।

पीड़िता आत्मदाह करने को क्यों मजबूर हुई, भाजपा दे इसका जवाब

दीपक ने कहा कि विधानसभा के गेट नम्बर तीन पर आत्मदाह के बाद प्रशासनिक कमी को छुपाने के लिए भाजपा सरकार कांग्रेस प्रवक्ता को फंसाने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को राजनीतिक शिष्टाचार नहीं भूलना चाहिए। कोई भी पीड़ित किसी भी राजनीतिक या सामाजिक संगठनों से मदद मांगता है, उसके दफ्तर जाता है, यह एक सामान्य सी बात है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी गलती मानते हुए थाने के दरोगा को सस्पेंड भी किया है। फिर ये बिना सर-पैर की साजिश क्यों रच रही है। हजरतगंज से लेकर जामों तक पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ के चलते पीड़ित आत्मदाह को मजबूर हुईं हैं।

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भाजपा नेताओं से लेकर पुलिस के आला अफसरों तक न्याय की गुहार लगाने वाली पीड़ित महिलाएं आत्मदाह करने को क्यों मजबूर हुईं इसका जवाब भाजपा को देना पड़ेगा। नेता कांग्रेस विधान परिषद दल ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि बीती 09 मई को साफिया की पुत्री गुड़िया ने दबंगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी तथा 13 मई को दबंगों ने भी गुड़िया सहित अन्य पर फर्जी एफआईआर दर्ज करा दी। गुडिया ने बीती 04 जुलाई को डीआईजी, आईजी, डीजीपी तथा मुख्यमंत्री सहित सभी से न्याय के लिए प्रार्थना की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकार का रवैया पूर्व की तरह इस मामले में भी हीलाहवाली का रहा और मुद्दों से भटकाने एवं विरोधी पार्टी को कुचलने का कुचक्र रचती रही है।

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