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Lucknow Ekana Stadium: अवैध होर्डिंग्स का काला कारोबार, सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं, बिना रजिस्ट्रेशन करोड़ों की कमाई !
Lucknow Ekana Stadium Accident: लखनऊ में एक दो नहीं बल्कि हज़ारों होर्डिंग्स लगी हैं, जहां रहने वाले लोगों के ऊपर हर समय मौत का खतरा बना रहता है। बावजूद, कुछ पैसे कमाने के चलते धड़ल्ले से मानक के विपरीत होर्डिंग लगायी जा रही है।
Lucknow Ekana Stadium Accident: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इकाना स्टेडियम (Ekana Stadium) में यूनिपोल गिरने से कार सवार मां-बेटी की मौत की खबर सब ने पढ़ी। मगर, सच ये है कि लापरवाही किसी की भी हो इस घटना में दो लोगों ने अपनी जान गंवा दी।
राजधानी लखनऊ की बात करें, तो पूरे शहर में ऐसी एक दो नहीं बल्कि हज़ारों होर्डिंग्स लगी है, जहां रहने वाले लोगों के ऊपर हर समय मौत का खतरा बना रहता है। बावजूद, कुछ पैसे कमाने के चलते धड़ल्ले से मानक के विपरीत होर्डिंग लगायी जा रही है।
कोई नहीं खुलकर बोल रहा
newstrack.com ने जब इसकी पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। लखनऊ में मानक के विपरीत कई होर्डिंग लगाई गई हैं। चंद पैसों के चलते मकान मालिक अपने घर या बिल्डिंग के ऊपर कई हज़ारों किलो के इन होर्डिंग्स को लगवा देते हैं। इसे लेकर हमारी टीम ने महानगर इलाके में कई मकान और बिल्डिंग मालिकों से संपर्क करने की कोशिश भी की, लेकिन सभी ने मिलने और इस मुद्दे पर बात करने मना कर दिया।
...दोबारा लग जाती हैं होर्डिंग्स
आपको बता दें कि, रोड के किनारे फुटपाथ, चौराहे के मोड़ आदि स्थानों पर होर्डिंग लगाने पर रोक हैं। बावजूद हजरतगंज (Hazratganj), परिवर्तन चौक (Parivartan Chowk), माल एवेन्यू (Mall Avenue), विक्रमादित्य मार्ग (Vikramaditya Marg), कालिदास मार्ग (Kalidas Marg), अर्जुनगंज सहित शहर के कई इलाकों में नियम विरुद्ध होर्डिंग लगी हैं। बीच-बीच में नगर निगम की ओर से इनके विरुद्ध अभियान भी चलाया जाता है, मगर ये दोबारा लग जाती हैं।
इलाके के हिसाब से श्रेणियां बंटी, तय है चार्ज
यहां ये भी बता दें कि, नगर निगम में तीन श्रेणियों में विज्ञापन एजेंसी का रजिस्ट्रेशन होता है। वीआईपी इलाकों को 'ए श्रेणी' में रखा गया है। इसके लिए 50 हजार रुपए पंजीकरण फीस तय है। 'बी श्रेणी' वाले इलाकों में 30 हजार रुपये फीस जमा करनी होती है। कम विकसित इलाके 'सी श्रेणी' में रखे गए हैं। इनके लिए 20 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी होती है।
नगर निगम में चलता है खेल !
होर्डिंग्स के खेल में ख़ुद नगर निगम भी शामिल है। प्रचार एजेंसियां जितने स्थान आरक्षित करवाती है उससे कहीं ज़्यादा होर्डिंग लगवाती है। सिर्फ़ आरक्षित होर्डिंग का पैसा नगर निगम में जमा करना पड़ता है। शेष की कमाई सीधे प्रचार एजेंसी के जेब में जाती है। ये पैसा ऊपर से लेकर नीचे तक सबकी जेब में जाता है। इसलिए नगर निगम भी कभी कभार ही कोई कार्यवाही करता है।
ये कहा अपर नगर आयुक्त ने
इस संबंध में जब newstrack.com की टीम ने अपर नगर आयुक्त अभय कुमार पाण्डे से बात की तो उन्होंने कहा, सभी अवैध होर्डिंग्स को चिन्हित किया जा रहा है। नगर निगम इन सभी होर्डिंग्स को हटायेगा। इसको लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। सोमवार को भी नगर निगम ने मुख्यमंत्री आवास के पास से ऐसी कई अवैध होर्डिंग को हटाई थी। मंगलवार रात भी नगर निगम ये अभियान चलाएगा।