×

बढ़ती महंगाई को देखते हुए भत्ते की रोकी किश्त का भुगतान करे सरकार: इप्सेफ

इप्सेफ ने भारत सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि अगर कर्मचारियों की पीड़ा पर ध्यान नहीं दिया गया तो पूरे देश में आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा।

Newstrack
Published on: 27 Aug 2020 9:20 PM IST
बढ़ती महंगाई को देखते हुए भत्ते की रोकी किश्त का भुगतान करे सरकार: इप्सेफ
X
IPSEF

लखनऊ: इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने कोरोना संकट के समय बढ़ती महंगाई तथा महंगाई भत्ते की किश्त को रोके जाने के कारण कर्मचारियों की दयनीय स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री से कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की बकाया किस्त का भुगतान कराने और कोविड-19 से मृतक कर्मचारी के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता तथा उनके एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। इप्सेफ ने भारत सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि अगर कर्मचारियों की पीड़ा पर ध्यान नहीं दिया गया तो पूरे देश में आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा। जिसके लिए शीघ्र ही इप्सेफ की बैठक अगस्त माह में आहूत की जाएगी।

बढ़ रही महंगाई से कर्मचारियों को खर्च चलाना हुआ मुश्किल

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने गुरुवार को कहा कि रोज बढ़ रही महंगाई से कर्मचारियों को अपना परिवार का खर्चा चलाना कठिन हो गया है। एक तरफ महंगाई भत्ते की किश्त का भुगतान रोकने से उनकी पारिवारिक स्थिति दयनीय हो गई है।

ये भी पढ़ें- चर्चा का विषय बनी दिल्ली दंगों पर लिखी किताब, भाजपा ने बनाई बड़ी योजना

IPSEF Head IPSEF Head

दूसरी तरफ कोविड-19 की बीमारी के इलाज में लगे नर्सेज ,लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट ,प्रयोगशाला सहायक तथा अन्य पैरामेडिकल स्टाफ स्वयं भी संक्रमित हो रहे हैं। काफी संख्या में कर्मचारियों की मौत भी हो गई है। उन्होंने कहा कि खेद का विषय है कि राज्यों की सरकारें उनकी आर्थिक सहायता भी नहीं कर रही हैं। केंद्र सरकार भी मौन है।

कर्मचारियों की कमी के कारण नहीं हो पा रहा इलाज

IPSEF IPSEF Head

राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने भारत सरकार एवं राज्य सरकारों से अपेक्षा की है कि अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी के कारण मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पा रहा है। मानकों के अनुसार पद सृजित नहीं है। काफी संख्या में पद रिक्त हैं जिन पर नियमित नियुक्ति नहीं हो रही हैं और अधिकारी पदोन्नतियों में भी रुचि नहीं ले रहे हैं।

ये भी पढ़ें- आम आदमी पार्टी का आरोप, UP में जनता की नहीं सिर्फ ठाकुरों की सरकार है

बड़ी संख्या में कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जिससे कर्मचारियों पर कार्य का बोझ बढ़ रहा है और जनता को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही। इसलिए नियमित नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करते हुए तब तक के लिए सेवानिवृत्त नर्सेज तथा अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाएं ली जाए। जिससे कि मरीजों का समुचित इलाज हो सके।

Newstrack

Newstrack

Next Story