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कोरोना: लखनऊ वालों ने कहा, घर मे ही रहो सलामत रहोगे
कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग घरों में बंद हैं। सब जगह दहशत और कौतूहल है कि अब आगे क्या होगा। लखनऊ में हमने कुछ लोगों से बातचीत की और जाना कि वे घर में किस तरह समय बिता रहे हैं और क्या क्या है उनके मन में।
संदीप पाल
लखनऊ: कोरोना वारयस से बचने के लिए लोग घरों में बंद हैं। सब जगह दहशत और कौतूहल है कि अब आगे क्या होगा। लखनऊ में हमने कुछ लोगों से बातचीत की और जाना कि वे घर में किस तरह समय बिता रहे हैं और क्या क्या है उनके मन में।
गंभीरता को समझिए
डाॅक्टर अमिता शुक्ला : इस समय बहुत से मरीज क्लीनिक में आने के लिए फोन से पूछताछ कर रहे हैं। ऐसे ज्यादात मरीज जोड़ों के दर्द, सर्दी-जुकाम के हैं। लेकिन मैं उनसे कहती हूँ कि आप घबराये नहीं। घर पर ही रहें। घर से निकलना ज्यादा खतरनाक हो सकता है। सामनी परेशानी के लिए अस्पताल या डाक्टर के पास नहीं आए। लोग में जागरूकता की कमी है। लोग पुलिस और कर्फ्यू के डर से घरों में बैठे हुए हैं। लोग अब भी समझ नहीं रहे हैं। यह बहुत ही गम्भीर मसला है। जो लोग रोजाना मेहनत कर अपने परिवार को पालपोस रहे हैं। उनको भी थोड़ा संयम रखना चाहिए। लोग यह न सोचें कि घरों में बोर हो रहे हैं। आप को मौका मिला है। थोड़ा समय परिवार के साथ बितायें। आपकी अपनी व दूसरों की सुरक्षा आपके हाथ में है।
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घर में भी बरतते हैं पूरी सावधानी
आनन्द ऋचा : कोरोना वायरस हमारे शहर में भी पांव पसार रहा है। जनवरी से मैं और मेरा परिवार सभी तरह से सावधानी बरत रहा है। हम लोग घर में ही रहते हैं और घर में भी आपस में भी थोड़ी दूरी बना कर रखते हैं। साथ ही रिशतेदारों और मित्रों को भी घर आने तथा मिलने से मना कर रखा है। हालात जब तक समान्य न हो जाएँ, हम किसी से नहीं मिलेंगे। मेरे परिवार में मैं ही अपने बुजुर्गों का सहारा हूँ। इस बहुत जरूरी होंने पर ही घर बाहर निकलती हूं।
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कोरोना की चेन तोड़ना जरूरी
डाॅ. राकेश प्रताप शाह : मैं नेपाल के कृष्णनगर से लखनऊ आया हुआ हूं। महानगर स्थित अपने घर पर ही बंद हूं। नेपाल में अभी तक एक भी मरीज कोरोना वायरस से पीड़ित नहीं मिला है। लेकिन भारत एक विशाल देश हैं और भारत के लोगों को कोरोना को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह एक बहुत बड़ा खतरा है। इसकी कोई दवा अभी तक नहीं है। स्वच्छता व घरों में ही रहने से लोग अपने व दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं। ऐसा करने से कोरोना वायरस की चेन टूट जायेगी और लोग बच सकेंगे। लोगों को सरकारी आदेशों का पालन करना
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वीरेन्द्र बहादुर सिंह : पूर्व भारतीय हाकी खिलाड़ी व अन्तरराष्ट्रीय हाकी अम्पायर ने किसी शायर की चंद लाइनें सुनाईं -
तूफ़ान के हालात है ना किसी सफर में रहो...
पंछियों से है गुज़ारिश अपने शजर में रहो...
ईद के चाँद हो अपने ही घरवालो के लिए...
ये उनकी खुशकिस्मती है उनकी नज़र में रहो...
माना बंजारों की तरह घूमे हो डगर डगर...
वक़्त का तक़ाज़ा है अपने ही शहर में रहो...
तुम ने खाक़ छानी है हर गली चौबारे की...
थोड़े दिन की तो बात है अपने घर में रहो...
वीरेन्द्र ने कहा कि देश की जनता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील को गम्भीरता से लेने की जरूरत है। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हम जितना सजग रहेंगे। उतना सुरक्षित रहेंगे। सरकार द्वारा हमारी रोजमर्रा की जरूरतों का पूरा प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में किसी को बेवजह परेशान होने की जरूरत नही है। कुछ दिनों की सावधानी और हम सबका जीवन सुरक्षित।