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केंद्र की ये शानदार योजना: यूपी के लिए वरदान, लोगों को मिलेगी इतनी राहत
इस योजना से जहां छोटी इकाइयों की समृद्धि के नए द्वार खुलेंगे वहीं यह योजना सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के संचालन से यूपी की छोटी इकाइयां भी अब नई उड़ान भरेंगी। इस योजना से जहां छोटी इकाइयों की समृद्धि के नए द्वार खुलेंगे वहीं यह योजना सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी। यही नहीं इस योजना के क्रियान्वयन से भारी संख्या में कुशल और अकुशल श्रमिकों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।
योजना का वित्तपोषण केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 60-40 के अनुपात में किया जाएगा- केशव मौर्य
उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने रविवार को इस योजना के वित्तीय प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि योजना का वित्तपोषण भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा 60 और 40 के अनुपात में किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन से स्थानीय स्तर पर विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में बड़े स्तर पर रोजगार सृजन होगा तथा प्रदेश में होने वाले कृषि तथा औद्यानिक उत्पाद का मूल्य भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि योजना के पहले साल का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि पहले साल में यह खर्च अगर राज्य सरकार करेगी तो आगामी सालों में इसका 60 और 40 के अनुपात में समायोजित किया जायेगा।
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केशव मौर्य ने बताया कि प्रशिक्षण, प्रशासनिक मद, एमआईएस, योजना का प्रचार- प्रसार, भारत सरकार द्वारा नामित संस्थाओं जैसे कामों पर शत-प्रतिशत व्यय भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। योजना के तहत लिए गए लोन पर पर लोन गारंटी की सुविधा का लाभ नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के संचालन व मानीटरिंग के लिए उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग को नोडल विभाग तथा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय को नोडल एजेन्सी तथा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक को नोडल अधिकारी बनाया गया हैं।
उपमुख्यमंत्री ने योजना को जल्द संचालित करने के दिए निर्देश
मौर्य ने अधिकारियों को इस योजना के संचालन व समितियों के गठन आदि कार्य को जल्द से जल्द करते हुए योजना को विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में अमलीजामा पहनाए जाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में प्रमुख सचिव खाद्य प्रसंस्करण बीएल मीणा ने एक पत्र भी जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि इस योजना का लाभ लेने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाईयो को ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण उद्यमिता स्टार्टअप कार्यक्रम, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की ब्याज उपादान योजना,
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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, एएसपीआईआरआई योजना, एसएफयूआरटीआई, एमएसएमई की सार्वजनिक क्रय नीति तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की कोल्ड चेन या बैकवर्ड-फॉरवर्ड लिंकेज या एग्रो क्लस्टर जैसी योजनाओं और राज्य सरकार द्वारा लागू की जाने वाली अन्य योजनाओं का भी लाभ मिल सकेगा।