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Lucknow News: पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी महाराज की स्मृति में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया
Pushpanjali Classical Singing Event: वाराणसी से प्रियांशु गोश और उनके साथियों ने शास्त्रीय संगीत ‘राग शिवरंग’ के गायन से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इसके अलावा वह टप्पा, दादरा, चैती गायन में भी निपुण है ।
Pushpanjali Classical Singing Event: पद्मभूषण विदुषी गिरिजा देवी महाराज की स्मृति में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे प्रेक्षागृह में पुष्पांजलि सांस्कृतिक कार्यक्रम का आग़ाज़ हुआ ।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि
पुष्पांजलि कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करा । विदुषी गिरिजा देवी की शिष्या होने के नाते वह कहती है “अपने गुरु के कार्यक्रम में एक शिष्या कभी भी मुख्य अतिथि नहीं हो सकती । वह सदैव एक शिष्या और सेवक रहेगी । गिरिजा देवी जी ने भारत देश ही नहीं बल्कि विदेश में फैलाया । गिरिजा देवी अर्थात् अप्पा जी सदेव सबकी स्मृति में बनी रहेंगी । इस युवा पीढ़ी को इन महान विभूतियों के बारे में जानना और समझना चाहिए ।”
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शास्त्रीय संगीत की बेहद खूबसूरत प्रस्तुति पेश करी
वाराणसी से प्रियांशु गोश और उनके साथियों ने शास्त्रीय संगीत ‘राग शिवरंग’ के गायन से कार्यक्रम का शुभारम्भ करा । इसके अलावा वह टप्पा, दादरा, चैती गायन में भी निपुण है । ‘राग शिवरंग’ को सुनकर सभी दर्शक इस बेहद रसमय गीत में लीन हो गए ।
कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति नई दिल्ली से आए गायक रीतेश- रजनीश मिश्रा और उनके साथियों ने ‘राग मधु कौस’ के गायन से सभी को भाव विभोर कर दिया । रीतेश और रजनीश मिश्र जी प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक राजन मिश्र जी के सुपुत्र है और इस गायकी से देश ही नहीं विदेश में अपना परचम लहराया है। मुम्बई से आयी अश्विनी भिड़े जी ने अपने गीतों की प्रस्तुति से समा बाँध दिया ।
सभी कलाकार हुए सम्मानित
कार्यक्रम मे अपना गीत प्रस्तुत करने आए सभी गीतकारो को अंगवस्त्र और स्मृति चिंन से सम्मानित कर सभी ने उनकी कला का गौरव बढ़ाया ।
सांस्कृतिक और शास्त्रीय संगीत से युवा पीढ़ी को दे सीख
सांस्कृतिक और शास्त्रीय संगीत कार्यक्रमों के आयोजन से और उन्हें देखने से युवा पीढ़ी को अपने शास्त्र, लोक गीत, संस्कृति को समझना और अपना चाहिए जो समाज को और तरक़्क़ी के ओर ले जाएगा ।