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लखनऊ: आज भी बरकरार है 2000 साल पुराना चमत्कारी मंदिर

ऐसा ही एक मंदिर है राजधानी के चौक में, जो की 2000 वर्ष पुराना है और इसकी स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी इस मंदिर में भगवान विष्णु और काली जी की मूर्ति को एक साथ रखा जाता है और इसको जाना जाता है- बड़ी काली जी मंदिर के नाम से।

Roshni Khan
Published on: 13 April 2019 9:28 AM GMT
लखनऊ: आज भी बरकरार है 2000 साल पुराना चमत्कारी मंदिर
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लखनऊ: नवरात्रि के दिनों में माता के दर्शन करने से मनचाही मुरादें पूरी होती हैं और इन दिनों में लोगों के अंदर आस्था का ये आलम होता है कि वे नवरात्रि के दिनों में मंदिरों में एकत्रित होते हैं जिससे श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिलता है।

ऐसा ही एक मंदिर है राजधानी के चौक में, जो की 2000 वर्ष पुराना है और इसकी स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी इस मंदिर में भगवान विष्णु और काली जी की मूर्ति को एक साथ रखा जाता है और इसको जाना जाता है- बड़ी काली जी मंदिर के नाम से।

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नवरात्रि के दिनों में दर्शन करने से सारी मुरादें पूरी होती:

इस मंदिर में नवरात्रि के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक लोगों का जमावड़ा लगा रहता है, यहाँ पर दर्शन करने सिर्फ लखनऊ के लोग ही नहीं, बल्कि पूरे यूपी से श्रद्धालु उपस्थित होते हैं। यहाँ पर उपस्थित श्रद्धालुओं की ये मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर में जो भी मनौती मांगो वह पूरी होती है। इसीलिए श्रद्धालु माता के मंदिर में चुनरी बांधकर अपनी मनौती मांगते हैं।

अष्टमी और नवमी को होते हैं अष्टधातु मूर्ति के दर्शन:

माता के मंदिर में हजारों साल पुरानी एक अष्टधातु कि मूर्ति रखी हुई है जो कि नवरात्रि में सिर्फ अष्टमी और नवमी के दिन निकाली जाती है, मंदिर के पुजारी का कहना है कि इसे इस दिन सिर्फ इसीलिए निकाला जाता है कि जिससे भक्तजन दर्शन करके अपनी मनौती को मांगे, इस दिन अगर आपकी कोई भी मनौती मांगते हैं तो वो पूरी होगी। यानी इस तरह साल में सिर्फ चार बार ऐसे मौके आते हैं, जब यह मूर्ति लोगों को दिखाई जाती है। यह मूर्ति अर्धनारीश्वर के रूप में है जिसने धोती और जनेऊ पहन रखी है और माथे पर बिंदी और श्रृंगार कर रखा है।

काली माता की पूजा करने से होते हैं ये लाभ:

काली जी के बारे में मान्यता यह है कि वह अगर किसी से खुश हो जाएँ तो उसकी झोली खुशियों से भर देती हैं, और यदि किसी से नाराज़ हो जाएँ तो उसकी ज़िंदगी में मुश्किलें बढ़ जाती हैं। इसलिए माता की पूजा करना हमारे लिए बहुत जरूरी है। माता की पूजा करने हमें बहुत सारे लाभ होते हैं जिसमें लम्बे समय से चली आ रही बीमारी माता के आशीर्वाद से सही हो जाती है, तो माता काली के भक्तो पर जादू टोना एवं टोटके आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। माता काली की पूजा में इतनी ताकत होती है कि इसके प्रभाव से सही न होने वाली बीमारी भी दूर हो जाती है, कर्ज से छुटकारा मिलता है एवं बेरोजगारी, करियर और शिक्षा में असफलता को दूर करती है। और माता की पूजा करने से हर प्रकार की बुरी ताकतों से माता रक्षा करती है।

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2000 साल पुराना है चौक स्थित मंदिर:

राजधानी में चौक स्थित बड़ी काली का मंदिर 2000 साल पुराना है इसका निर्माण आदि शंकराचार्य ने किया था।

आदि शंकराचार्य भगवान शंकर के अवतार थे जिन्होंने जीवन भर लोगों के घर घर जाकर भिक्षा मांगकर हिन्दू धर्म का प्रचार प्रसार किया और लोगों को ज्ञान के महत्व के बारे में बताया। उनका कहना था कि ब्रह्म और जीव मूलतः और तत्वतः एक हैं। हमे जो भी अंतर नजर आता है उसका कारण अज्ञान है।

Roshni Khan

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