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उन्नाव कांडः कांग्रेस नेता लल्लू बोले, सेंगर को बचाने में कई बडे़ नाम
अजय लल्लू ने कहा कि सीबीआई जांच ने कांग्रेस के निष्कर्षों को सही करार दिया है। केवल डीएम और एसपी ही नहीं, इस मामले में और भी बडी मछलियां गुनहगार हैं।
लखनऊ: उन्नाव के बहुचर्चित और सनसनीखेज माखी दुष्कर्म मामले में सीबीआई की जांच में तत्कालीन डीएम, एसपी और एएसपी को लापरवाही का दोषी पाए जाने की जानकारी सामने आने पर कांग्रेस ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सीबीआई जांच ने कांग्रेस के निष्कर्षों को सही करार दिया है। केवल डीएम और एसपी ही नहीं, इस मामले में और भी बडी मछलियां गुनहगार हैं। सभी का बेनकाब होना जरूरी है।
कुलदीप सेंगर को राजनीतिक संरक्षण देने वाले बेनकाब होने चाहिए- लल्लू
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने का वादा किया था और कांग्रेस ने योगी सरकार के खिलाफ सड़क से लेकर हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ी है। कांग्रेस आज भी उन्नाव की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। कांग्रेस ने पहले ही पीड़ित परिवार से मिली जानकारी के आधार पर कहा था कि भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने में बड़े लोग शामिल हैं।
उन्नाव कांड पर बोले अजय लल्लू (फोटो. ट्वीटर)
अब सीबीआई भी इसकी तस्दीक कर रही है। सीबीआई ने भी जिलाधिकारी अदिति सिंह, एसपी नेहा पांडेय, पुष्पांजलि और एएसपी अष्टभुजा सिंह के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि यह अभी शुरुआत है, अभी कुलदीप सिंह सेंगर के राजनीतिक संरक्षण देने वाले बेनकाब होने चाहिए। जिससे दुनिया को सच्चाई का पता चले कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले किस तरह से एक बलात्कारी के पैरोकारी में लगे हुए थे।
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अपराधियों की मददगार नौकरशाही अगर जिलाधिकारी और एसपी स्तर पर पक्षपात कर रही थी तो आखिर इतने बडे अधिकारी किसके दबाव में काम कर रहे थे। कौन प्रदेश में इतना ताकतवर है जिसके इशारे पर डीएम और एसपी भी पीड़िता का साथ देने के बजाय अपराधी का साथ दे रहे थे। सीबीआई को इसकी भी जांच करनी चाहिए और ऐसे लोगों को भी सजा मिलनी चाहिए।
क्या है सीबीआई की सिफारिश
CBI कुलदीप सेंगर मामले में (फाइल फोटो)
माखी गांव दुष्कर्म मामले में पीड़िता के परिवार जनों ने पुलिस व प्रशासन पर आरोपितों के साथ सांठ-गांठ का आरोप लगाया था। पीड़िता के पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई और बाद में पीड़िता का संदिग्ध कार एक्सीडेंट भी हुआ। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने पीड़ित परिवार के आरोपों के आधार पर जांच की है।
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बताया जाता है कि तत्कालीन दो पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी समेत एक एएसपी के खिलाफ सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इससे पहले माखी थाना के तत्कालीन एसओ समेत कुछ पुलिसकर्मी जेल भी भेजे जा चुके हैं। अब इन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आधार बन रहा है लेकिन कांग्रेस ने नौकरशाहों के साथ ही राजनीतिक संरक्षकों पर भी कार्रवाई की मांग शुरू कर दी है।
अखिलेश तिवारी