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पीएफ घोटाला: EOW की जांच में हुआ खुलासा, हो सकते हैं ये लोग अरेस्ट

EOW पावर कार्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल से पीएफ घोटाले की जांच में भी पूछताछ की चाएगी। पीएफ की धनराशि के DHFL में निवेश के मामले में पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल का भी नाम आया है।

Roshni Khan
Published on: 10 Nov 2019 5:01 AM GMT
पीएफ घोटाला: EOW की जांच में हुआ खुलासा, हो सकते हैं ये लोग अरेस्ट
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नई दिल्ली: EOW पावर कार्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल से पीएफ घोटाले की जांच में भी पूछताछ की चाएगी। पीएफ की धनराशि के DHFL में निवेश के मामले में पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल का भी नाम आया है।

EOW जल्द ही पूछताछ के लिए उन्हें लखनऊ बुला सकती है। साथ ही जांच में ये पता भी चला है कि 12 फर्जी ब्रोकर कंपनियों की मदद से DHFL में निवेश किया गया। यह फर्म किसकी थी? कहां की थी? और इन फर्मों की क्या भूमिका थी, इसकी भी जांच की जा रही है।

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EOW के डीजी राजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि, DHFL में निवेश की पत्रावली पर जिन-जिन लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं, उन सभी से सवाल किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान जानकारी हुई कि कुल 14 ब्रोकर फर्मों ने निवेश कराने में योगदान दिया था। इन ब्रोकर फर्म में से 12 ऐसी ब्रोकर फर्म ऐसी थी जिन्होंने केवल UPPCL और DHFL के बीच निवेश कराने के लिए काम किया। बाकी दो ने अन्य कंपनियों में भी बतौर ब्रोकर काम किया।

उन्होंने बताया कि जिन 12 ब्रोकर कंपनियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई वह सभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश व पश्चिमी उत्तर से सटे अन्य राज्यों की हैं। इनमें से एक फर्म का भौतिक सत्यापन कराया गया तो पता चला की फर्जी है। अन्य 13 फर्मों के बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है।

खास बात तो ये है कि उक्त ब्रोकर कंपनियों में एक ब्रोकर ऐसा भी है जिसका तीन या उससे अधिक ब्रोकर फर्म में नाम है और यह सभी फर्म UPPCL और DHFL के बीच निवेश कराने के सौदे में शामिल थीं।

पीके गुप्ता के आवास से बरामद मोबाइल, लैपटाप और डायरी सील

उन्होंने बताया कि प्रवीण कुमार गुप्ता के आगरा स्थित आवास से एक डायरी, दो मोबाइल और एक लैपटॉप मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। प्रवीण और सुधांशु द्विवेदी की रिमांड की मियाद पूरी हो गई है। इन दोनों को ही वापस जेल भेज दिया गया है।

वहीं सूत्रों का कहना है कि अभी तक की जांच में पीके गुप्ता के बेटे की भी संलिप्तता सामने आई है। पीके गुप्ता के बेटे अभिनव को पूछताछ के लिए उसके गाजियाबाद स्थित घर पर नोटिस भेजा गया था, लेकिन वह नहीं मिला। ऐसा बताया जा रहा है कि अभिनव फरार हो चुका है। फिलहाल EOW के अधिकारी उसे तलाश रहे हैं।

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PNB हाउसिंग में निवेश

जांच के दौरान एपी मिश्रा ने पूछताछ में बताया कि PNB हाउसिंग में 2016 में 50-50 करोड़ रुपए के दो निवेश किए गए थे। एपी मिश्रा ने पूछताछ में एक बार फिर दोहराया कि निवेश के खेल में उनका कोई रोल नहीं था। ट्रस्ट की जिस सौदे पर हस्ताक्षर की बात की जा रही है उसमें उन्होंने बतौर विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में हस्ताक्षर किया था।

नहीं हुई थी ट्रस्ट की कोई बैठक

पूछताछ में पीके गुप्ता ने खुलासा किया है कि बोर्ड आफ ट्रस्ट की कोई बैठक 22 या 24 तारीख को हुई ही नहीं थी। बल्कि बाईसर्कुलर के जरिये DHFL में निवेश का फैसला किया गया था। इसी बाई सर्कुलर पर गुप्ता ने 22 मार्च 2017 को हस्ताक्षर किया था जबकि चेयरमैन के हस्ताक्षर 24 तारीख को हुए थे। बाद में इसे लेकर विरोधाभास हो गया था, इस लिए पीके गुप्ता ने 22 मार्च की तिथि को काटकर 24 मार्च कर दिया।

एपी मिश्रा ने कहा उनके समय में केवल 18 करोड़ का हुआ निवेश

UPPCL के पूर्व एमडी एपी मिश्रा ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान केवल 18 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। यह निवेश भी नियमों के तहत किया गया। एपी मिश्रा की रिमांड रविवार सुबह 10 बजे पूरी हो रही है। उन्हें कल सुबह वापस जेल में दाखिल कर दिया जाएगा।

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UPPCL के दो लेखाधिकारियों से हुई पूछताछ

EOW ने शनिवार को UPPCL के एक मौजूदा और एक पूर्व लेखाधिकारी को भी बुलाकर पूछताछ की। EOW के अधिकारियों ने पूछा कि आखिर DHFL में कब-कब और कितना-कितना निवेश किया गया। सूत्रों का कहना है कि कुछ और कर्मचारियों को जल्द ही बुलाकर पूछताछ की जाएगी।

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