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Lucknow News: लखनऊ में बीएड उम्मीदवारों का जोरदार प्रदर्शन, सरकार से अध्यादेश लाने की मांग

Lucknow News: उम्मीदवारों ने सरकार से बीएड डिग्री धारकों को पीआरटी (प्राइमरी टीचर) में शामिल करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की। एससीईआरटी में सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।

Durgesh Bhatt
Published on: 17 Aug 2023 5:17 PM IST (Updated on: 17 Aug 2023 5:19 PM IST)
Lucknow News: लखनऊ में बीएड उम्मीदवारों का जोरदार प्रदर्शन, सरकार से अध्यादेश लाने की मांग
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Lucknow News (Pic: Ashutosh Tripathi)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षक भर्ती में अयोग्य ठहराए गए बीएड उम्मीदवारों ने गुरुवार को राजधानी में निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। उम्मीदवारों ने सरकार से बीएड डिग्री धारकों को पीआरटी (प्राइमरी टीचर भर्ती) में शामिल करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की। एससीईआरटी में सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। अभ्यर्थियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 13 से 17 लाख बीएड छात्र हैं। जिन्होंने पीआरटी यानी प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए ही बीएड किया है। जबकि अचानक से पीआरटी के लिए छात्रों अयोग्य घोषित कर दिया गया है। जिसको लेकर प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकार से कोर्ट के निर्णय के विरूद्द अध्यादेश लाने की मांग उठाई।

छात्रों की मांग, सरकार लाये अध्यादेश

बीएड उम्मीदवारों ने कहा कि वर्ष 2018 में सरकार ने अध्यादेश जारी करके पीआरटी में बीएड को शामिल किया था। जिस वजह से अन्य कोर्स कर रहे छात्रों ने बीएड करके टीईटी और सीटेट पास किया। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को एनसीटी का अध्यादेश रद्द करके हमारे साथ अन्याय किया है। शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रही एक छात्रा ने कहा कि वर्ष 2020 में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) पास करने के बाद, पिछले तीन वर्षों से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रही हूं। अब, महसूस करती हूं कि मूझे "सरकारी शिक्षण नौकरियों से अलग कर दिया गया है"।

दरअसल 11 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में कक्षा 5 और उससे नीचे के लिए प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण नौकरियों के लिए बीएड उम्मीदवारों को शामिल होने से रोक दिया था। जिससे लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है और अब वह प्राथमिक शिक्षक बनने से अपने आपको अलग ही मान रहे है।



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Durgesh Bhatt

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