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Chandrayaan-3 UP Connections: चंद्रयान-3 का यूपी कनेक्शन, सफल लैंडिंग की जिम्मेदारी लखनऊ की बेटी के कंधों पर
Chandrayaan-3 UP Connections: चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग की मनोकामना पूरा देश कर रहा है। चंद्रयान-3 का लैंडर की सफल लैंडिंग यूपी की राजधानी लखनऊ के लिए भी अहम है, क्योंकि भारत की ‘रॉकेट वूमन‘ के नाम से मशहूर लखनऊ की बेटी डॉ. रितु कारिधाल के कंधों पर इसकी सफल लैंडिंग की जिम्मेदारी है।
Chandrayaan-3 UP Connections: चंद्रयान-3 का लैंडर की सफल लैंडिंग यूपी की राजधानी लखनऊ के लिए भी खास है, क्योंकि भारत की ‘रॉकेट वूमन‘ के नाम से फेमस लखनऊ की बेटी डॉ. रितु कारिधाल के इशारे पर चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ था। इसरो ने जानकारी दी है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी इस बार वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ. रितु को सौंपी गई है और वह चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं।
भारत के लिए बुधवार यानी 23 अगस्त 2023 बेहद खास है। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) आज शाम चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। ऐसा होते ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। ऐसा होते ही भारत अंतरिक्ष में नया इतिहास रच देगा।
पूरा देश आज चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग की मनोकामना कर रहा है। लोग पूजा-पाठ भी कर रहे हैं। चंद्रयान-3 का लैंडर की सफल लैंडिंग उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए भी खास है, क्योंकि भारत की ‘रॉकेट वूमन‘ के नाम से फेमस लखनऊ की बेटी डॉ. रितु कारिधाल के इशारे पर चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ था।
इसरो ने जानकारी दी है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ. रितु को सौंपी गई है और वह चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं। अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरा मुथुवेल हैं। इसके पहले डॉ. रितु मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। इस बार चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं बल्कि एक प्रोपल्शन मॉड्यूल है, जो किसी संचार उपग्रह की तरह काम करेगा।
बचपन से ही थी चांद-सितारों में दिलचस्पी-
डॉ. रितु कारिधाल का जन्म 1975 में लखनऊ के मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। बचपन से ही रितु की चांद-सितारों और आसमान में दिलचस्पी थी। रितु का इसरो और नासा से संबंधित समाचार पत्रों के लेख, जानकारी और तस्वीरें इकट्ठा करना शौक था। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में बीएससी और एमएससी की पढ़ाई की। फिर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री लेने के लिए आईआईएससी, बंगलूरू में एडमिशन लिया। डॉ. करिधाल ने नवंबर 1997 से इंजीनियर के तौर पर इसरो में काम करना शुरू किया।
यूपी के लिए गर्व की बात-
इस बार यूपी की राजधानी की बेटी डॉ. रितु कारिधाल को चंद्रयान-3 का मिशन डायरेक्टर बनाया गया है। राजधानी के लोगों के लिए यह गौरव की बात है कि यहां की बेटी को चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।