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CM Yogi Adityanath Birthday: मुस्लिम विरोधी नहीं हैं योगी आदित्यनाथ, आपका भ्रम दूर कर देंगी ये 5 घटनाएं
Yogi Adityanath Birthday Special: देश-दुनिया में योगी के लाखों फैंस उनका बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। इनमें हर जाति-धर्म के लोग आते हैं। बावजूद उन पर हमेशा ही मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अगर आप उनकी जिंदगी के पन्नों को पलटेंगे तो आपका यह भ्रम दूर हो जाएगा कि वह मुस्लिमों से नफरत करते हैं।
Yogi Adityanath Birthday Special: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज (5 जून) बर्थडे है। अब वह 51 वर्ष के हो गये हैं। देश-दुनिया में योगी के लाखों फैंस उनका बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। इनमें हर जाति-धर्म के लोग आते हैं। बावजूद उन पर हमेशा ही मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अगर आप उनकी जिंदगी के पन्नों को पलटेंगे तो आपका यह भ्रम दूर हो जाएगा कि वह मुस्लिमों से नफरत करते हैं। भले ही सीएम योगी पर कट्टर हिंदुत्व की छवि वाले नेता के आरोप लगते रहे हैं लेकिन उन्होंने कभी दूसरे धर्म के लोगों को नीचा दिखाने का काम नहीं किया। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि अब तक मुस्लिमों के लिए उनके द्वारा किये गये काम बता रहे हैं।
सबका साथ, सबका विकास
योगी आदित्यनाथ को लेकर एक नहीं कई ऐसे किस्से हैं, जब उन्होंने आगे बढ़कर मुस्लिमों की मदद की। निशुल्क राशन वितरित करते समय उनकी सरकार ने नहीं देखा कि लाभार्थी हिंदू है या फिर मुसलमान। कोरोना महामारी के दौरान दूसरे प्रदेशों में फंसे छात्रों को भी बिना भेदभाव उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाया। सरकारी योजनाएं सभी के लिए चलाई गई हैं, ऐसा नहीं है कि मुस्लिम लाभार्थी किसी योजना के लिए अपात्र है। जनसुनवाई के दौरान भी सबकी समस्याएं सुनते हैं फिर चाहे वह हिंदू हो या फिर मुसलमान। गोरखनाथ मंदिर में रोजाना भंडारा होता है, जिसमें हजारों की संख्या में मुस्लिम पेट भर खाना खाते हैं। शायद यही कारण है कि यूपी में दूसरी पर योगी की अगुआई में सरकार बनी है। 2019 का लोकसभा चुनाव हो या फिर 2022 का विधानसभा चुनाव, आंकड़े बताते हैं कि मुस्लिमों के एक बड़े वर्ग ने बीजेपी को वोट किया है।
मुसलमान दर्जी के साथ धरने पर बैठे
योगी आदित्यनाथ पांच बार गोरखपुर से सांसद चुने गये हैं। बात सांसदी के शुरुआती दिनों की है, जब योगी को पता चला कि गोरखपुर के बलदेव प्लाजा मार्केट में एक मुसलमान दर्जी से फिरौती मांगी जा रही है, लेकिन पुलिस की कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। ऐसे में वह खुद पुलिसिया रवैये के खिलाफ मुस्लिम परिवार के साथ तपती सड़क पर धरने पर बैठ गये। उनका यह धरना तब तक चलता रहा, जब तक पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर लिया।
मौलवी को दिलाई मदरसे की जमीन
योगी आदित्यनाथ का एक और किस्सा खूब वायरल हुआ था जब उन्होंने एक मौलवी की मदद करते हुए उन्हें मदरसे की जमीन वापस दिलवाई थी। गोरखपुर के राहुपुर कॉलोनी में कुछ स्थानीय उपद्रवियों ने मदरसे की जमीन हथिया ली थी। मौलवी ने स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार उन्होंने योगी से मदद मांगी। इसके बाद योगी ने पूरा मामला समझा और फिर एसएसपी से बात कर उन्हें एक घंटे में जमीन खाली कराने का आदेश दिया।
मुस्लिम युवती की मदद
योगी आदित्यनाथ ने शिकायत लेकर पहुंची ऐसी मुस्लिम युवती की मदद की, जिसका 'अपनों' ने साथ नहीं दिया। युवती का पति सऊदी अरब में रहता था। वहां उसने दूसरी शादी कर ली। युवती ने विरोध किया तो बदले में उसे तलाक का नोटिस भिजवा दिया। युवती अपनी फरियाद लेकर कई मौलानाओं के पास गई लेकिन किसी ने मदद नहीं की। तब वह योगी के पहुंची। योगी ने तत्काल एसएसपी और उस जोन के आईजी से बात की। इसके बाद युवती के पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और भारत लौटते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
नाउम्मीदों का सहारा बने योगी
मामला 2014 का है जब गोरखपुर के इलाके में अंसारी समुदाय के प्रदर्शन कर रहे थे। वजह थी कि कुछ लोगों ने जामा मस्जिद की ओर जाने वाली सड़क बंद कर दी थी। उन दिनों सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और विरोधी पक्ष सपा सरकार का करीबी था, इसलिए स्थानीय प्रशासन पीड़ित पक्ष की बात नहीं सुन रहा था। नतीजन गुस्साये अंसारी धरने पर बैठ गये, जिन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। जब वह हर तरफ से नाउम्मीद हो गये तो योगी आदित्यनाथ से मिले। योगी के हस्तक्षेप के बाद कुछ ही घंटों में दीवार गिराकर रास्ता साफ कर दिया गया।
नोट: उपरोक्त घटनाओं का विवरण वरिष्ठ पत्रकार प्रेम शंकर मिश्र की अनुवादित पुस्तक 'योद्धा योगी' में है।