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BBAU: बीबीएयू विश्वविद्यालय में लैंगिक असामानता की चुनौतियां विषय पर भाषण और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ
BBAU: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में जेंडर चैम्पियन समिति, आजादी का अमृत महोत्सव समिति व जी - 20 समिति के संयुक्त तत्वाधान द्वारा जेंडर चैम्पियन्स के चयन के लिए निबंध एवं आशु (क्विज) भाषण प्रतियोगिता को आयोजन किया गया।
BBAU: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में जेंडर चैम्पियन समिति, आजादी का अमृत महोत्सव समिति व जी - 20 समिति के संयुक्त तत्वाधान द्वारा जेंडर चैम्पियन्स के चयन के लिए निबंध एवं आशु (क्विज) भाषण प्रतियोगिता को आयोजन किया गया।
क्या हैं लैंगिक असमानता और उससे जुड़ी चुनौतिया?
गाँव हो या शहर व्यवहार से लेकर काम तक लैंगिक समानता हमारे समाज में मौजूद है, जो हमारे देश के लिए एजेंडा 2030 को पूरा करने में बड़ी चुनौती है| हमारे देश में लिंग भेदभाव एक बड़े स्तर कर कार्य कर रहा है। जन्म से लेकर मौत तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, हर जगह पर लैंगिक भेदभाव साफ साफ नजर आता है। इस भेवभाव को कायम रखने में सामाजिक और राजनीतिक पहलू बहुत बड़ी भूमिका निभाते है।
रोजगार के क्षेत्र में लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिए परिश्रमिक अधिनियम 1976 को लागू किया गया था लेकिन इसके बाद भी समाज में और रोज़गार के छेत्र में ख़ास बदलाव देखने को नहीं मिले है। महिलाओं को हर छेत्र में लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। घर में बच्चें का जन्म होते ही उसे लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। यह भेदभाव बच्चें को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से कमज़ोर बना देता है। बच्चों को स्कूल और कॉलेज में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के बारें में काम शिक्षा दी जाती है।
लैंगिक असमानता और उससे जुड़ी चुनौतियों व संभावनाओं पर चर्चा हुई
प्रतियोगिता जेंडर चैम्पियन समिति की अध्यक्षा प्रो० शिल्पी वर्मा एवं सदस्य प्रो० जया श्रीवास्तव, डॉ० सुभाष मिश्रा, डॉ० विनीत कुमार, डॉ० बलजीत श्रीवास्तव, डॉ० नमिता जैसल और स्टूडेंट्स मौजूद रहे। इसमें लैंगिक समानता से जुडी चुनौतियों व संभावनाओं जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
लैंगिक असमानता पर निबंध, भाषण प्रतियोगिता करवाई गई तथा समाज में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा बढ रही है, वे हर क्षेत्र में उपस्थिति दर्ज कर रही हैं।
प्रो0 शिल्पी वर्मा ने कहा “स्त्री समाज की वह अडिग नींव है, जिस पर समूचे समाज का निर्माण हैं और उसे कैद रखना असंभव हैं“ पर बात रखी।