Lucknow News: सेमिनार में छात्र-छात्राओं को बौद्धिक सम्पदा के अधिकार के बारे में दी जानकारी

Lucknow News: समर्पण इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंसेज, देवा रोड, लखनऊ द्वारा ntellectual Property Rights (बौद्धिक सम्पदा अधिकार) विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

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Published on: 15 May 2023 11:44 PM GMT
Lucknow News: सेमिनार में छात्र-छात्राओं को बौद्धिक सम्पदा के अधिकार के बारे में दी जानकारी
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सेमिनार में छात्र-छात्राओं को बौद्धिक सम्पदा के अधिकार के बारे में दी जानकारी: Photo- Newstrack

Lucknow News: समर्पण इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंसेज, देवा रोड, लखनऊ द्वारा ntellectual Property Rights (बौद्धिक सम्पदा अधिकार) विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में पूजा कुमार, NIPAM-IP Professional, नई दिल्ली थीं। डॉ0 दीप्ती शुक्ला, प्रधानाचार्या द्वारा सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया गया और दीप प्रज्जवलन से सेमिनार का शुभारम्भ किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ0 वीपी तिवारी ने छात्र-छात्राओं को बौद्धिक सम्पदा के अधिकार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारत में सर्वप्रथम वर्ष 1911 में भारतीय पेटेंट और डिजाइन अधिनियम बनाया गया था और पुनः स्वतंत्रता के बाद 1970 में पेटेंट अधिनियम बना जिसे वर्ष 1972 से लागू किया गया।

मुख्य वक्ता पूजा कुमार ने कहा कि किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह की कोई कृति, जो समाज के लिए उपयोगी हो तथा सृजनकर्ता के लिए भी आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हो, बौद्धिक सम्पदा कहलाती है एवं किसी भी सृजनकर्ता को इस सम्पदा की सुरक्षा के लिए दिये जाने वाले अधिकार बौद्धिक सम्पदा अधिकार कहलाते हैं। यह मुख्यतः 6 प्रकार के होते हैः- 1- कापी राइट 2- ट्रेड मार्क 3- ट्रेड सीक्रेट 4- इंडस्ट्रियल डिजाइन 5- पेटेंट और 6- भौगोलिक संकेतक टैग।

उन्होंने कहा कि बौद्धिक सम्पदा का अधिकार जो किसी अविष्कार एवं सृजनात्मक गतिविधियों के आधार पर प्रदान किया जाता है, के अन्तर्गत पेटेन्ट, औद्योगिक डिजाइन, प्रतिलिप्यिाधिकार, पादप प्रजनक का अधिकार, एकीकृत परिपथ का ले-आउट या खाका डिजाइन इत्यादि आते हैं। बौद्धिक सम्पदा अधिकार अधिनियम में पेटेंट (संशोधन) अधिनियम, 2002 और पेटेंट (संशोधन) अधिनियम, 2005 द्वारा संशोधन किये गए। बौद्धिक संपदा का स्वामित्व और कानूनी रूप से किसी व्यक्ति या कंपनी द्वारा बिना सहमति के बाहरी उपयोग या कार्यान्वयन से संरक्षित किया जाता है। उन्होंने बताया कि बौद्धिक संपदा अधिकार दिये जाने का मूल उद्देश्य मानवीय बौद्धिक सृजनशीलता को प्रोत्साहन देना है। बौद्धिक संपदा अधिकारों का क्षेत्र व्यापक होने के कारण यह आवश्यक समझा गया कि क्षेत्र विशेष के लिये उसके संगत अधिकारों एवं सम्बद्ध नियमों आदि की व्यवस्था की जाए।

इस अवसर पर समर्पण इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंसेज के चेयरमैन प्रो0 डॉ0 आरएस दुबे, निदेशक डॉ0 वीपी तिवारी, प्रधानाचार्या दीप्ती शुक्ला समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

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