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Lucknow News: लखनऊ में अधूरा बने जेपी सेंटर का निर्माण कार्य फिर से होगा शुरू, सपा सरकार के दौरान रखी गई थी नींव
Lucknow Tallest Buillding JP Center: साल 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भव्य जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। मगर उनके मुख्यमंत्री रहते हुए काम पूरा नहीं हो सका।
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में स्थित निर्माणधीन पांच सितारा इमारत जेपी सेंटर की नींव रखे 10 साल हो गए लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो सका है। साल 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भव्य जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। मगर उनके मुख्यमंत्री रहते हुए काम पूरा नहीं हो सका। 2017 में जब सूबे में सरकार बदली तो भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण इसका काम ठंडे बस्ते में चला गया। अब इसके फिर से शुरू होने की सुगबुगाहट हो रही है।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाले जेपी सेंटर के अधूरे काम को अब योगी सरकार पूरा कराएगी। शासन स्तर से इस कार्य को पूरा करने के लिए फंड भी स्वीकृत कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, सरकार ने अधूरे कामों को पूरा करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को 83 करोड़ रुपये जारी करने का फैसला किया है।
इससे पहले बीते साल नवंबर में भी ऐसी ही सुगबुगाहट शासन स्तर पर देखने को मिली थी। शासन ने तब सीजी सिटी की सरप्लस से धनराशि से जेपीएनआईसी के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए 73.01 करोड़ रूपये बिना ब्याज के उपलब्ध कराने की बात कही थी। हालांकि, काम शुरू नहीं हो पाया था। ऐसे में अब स्वीकृत राशि में 10 करोड़ और बढ़ाकर अधूरे कार्य को पूरा करने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध ने संजय शर्मा ने हाईकोर्ट में एक पीआईएल भी की थी।
सपा सरकार में शुरू हुआ था निर्माण कार्य
साल 2013 में जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार चल रही थी, तब इस बहुचर्चित जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। 2016 आते-आते इसके निर्माण पर कुल 813 करोड़ रूपये खर्च हो गए थे। सत्ता गंवाने से ऐन पहले 11 अक्टूबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जेपीएनआईसी में बने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का उद्घाटन भी किया था। जबकि आल वेदर ओलंपिक के आकार वाले स्विमिंग पूल और मल्टीपर्पज कोर्ट जैसे काम पूरे नहीं हो सके थे।
अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाले जेपी सेंटर काफी विवादों में भी रहा है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए इस परियोजना पर पानी की तरह पैसा बहाने का आरोप लगाया था। सूबे में योगी सरकार आने के बाद पूर्ववर्ती सरकार की जिन मेगा परियोजनाओं पर ब्रेक लगाकर जांच कराई गई थी, उनमें जेपी सेंटर भी शामिल है। 2021 में इसकी जांच शुरू हुई लेकिन अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।