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Lucknow University: लखनऊ विवि के 11 छात्र-छात्राओं का हुआ कैंपस प्लेसमेंट, अधिकतम पैकेज 6 लाख सालाना
Lucknow University: लखनऊ छात्र-छात्राओं में टीचनूक कम्पनी में बीटेक कंप्यूटर साइंस एवम् इंजिनियरिंग के 06 छात्र-छात्राओं का चयन किया।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकीय एवं तकनीकी संकाय के प्लेसमेंट सेल द्वारा आयोजित प्लेसमेंट ड्राइव में 11 छात्र-छात्राओं का टीचनूक कम्पनी में कैंपस प्लेसमेंट हुआ। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय एवं संकाय के डीन प्रो. ए. के. सिंह ने सभी चयनित छात्रो को इस सफलता के लिए बधायी देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य हेतु आशीर्वाद दिया ।
इन छात्रों का हुआ चयन
प्लेसमेंट इंचार्ज डॉ. हिमांशु पाण्डेय ने बताया कि टीचनूक कम्पनी में बीटेक कंप्यूटर साइंस एवम् इंजिनियरिंग के 06 छात्र-छात्राओं (अक्षय श्रीवास्तव, आशुतोष सिंह, क्षमा दुबे, प्रियंका, सार्थक एवं शिवांगी सेठ), इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के 02 छात्रों (गरिमा सिंह और राज जायसवाल) एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के 02 छात्रों (शंकर कुमार और स्नेहलता) एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र आदर्श कुमार का चयन एकैडमिक काउंसलर के पद पर हुआ| कंपनी ने छात्रों को ट्रेनिंग के दौरान 15 हजार रुपये +10 हजार रुपये इंसेंटिव एवं ट्रेनिंग के पश्चात अधिकतम 6.0 लाख प्रतिवर्ष का पैकेज ऑफर किया हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय ने प्लावनी प्राणायाम सत्र का आयोजन
लखनऊ विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्लावनी प्राणायाम पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया। प्लावनी प्राणायाम सत्र को विवि के योग और वैकल्पिक चिकित्सा विभाग द्वारा शालिमार गैलेंट अपार्टमेंट में आयोजित किया गया। निवासियों ने इस तकनीक को सीखने के लिए बहुत उत्साह दिखाया और अधिक ऐसे सत्रों का आयोजन करने का अनुरोध किया, जो विश्वविद्यालय को समाज से जोड़ने की इस पहल की सफलता को प्रदर्शित करता हैं।
प्लावनी प्राणायाम, संस्कृत शब्द "प्लावनी" से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है तैरना। इस अभ्यास में व्यक्ति नियमित सांस लेने की तकनीकों का अभ्यास करता है, जो उसे शरीर में हल्कापन, तेज बुद्धि और शांत मन का अनुभव कराता है। श्री वीरेंद्रविक्रम सिंह जी ने प्लावनी प्राणायाम का पानी पर प्रदर्शन करके इसे जल तत्व से जोड़ने और इसके औषधीय लाभों को प्रमुखता दी।
श्वसन प्रणाली और हार्मोनल होता है संतुलित
योग विशेषज्ञ और विभाग समन्वयक डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि प्लावनी प्राणायाम के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, विशेष रूप से पेट से संबंधित। इससे श्वसन प्रणाली और हार्मोनल संतुलन का समायोजन होता है, रक्त को शुद्ध करता है, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, और शरीर के भीतर प्राणिक ऊर्जा का प्रवाह मजबूत करता है। प्लावनी प्राणायाम स्वास्थ्य सुधार के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ है।
सावधानियां
डॉ. अमरजीत यादव ने प्लावनी प्राणायाम का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियाँ और सिफारिशें भी बताईं। किसी भी सर्जरी के बाद कम से कम 6-8 महीने तक इस व्यायाम को न करने की सलाह दी गई। इसे खाली पेट करना चाहिए और गुस्से या तनाव की अवस्थाओं में जब मानसिक संतुलन प्रभावित हो रहा हो, तब इससे बचना चाहिए। अभ्यास के बाद, कम से कम 2 घंटे तक खाने और पीने से बचने की सलाह दी गई है। श्वसन या फेफड़े संबंधी विकार से पीड़ित व्यक्तियों को इस प्राणायाम से बचना चाहिए।
वीसी ने क्या कहा
इस सत्र के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने में योग और प्राणायाम की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी। उन्होंने विश्वविद्यालय की पूर्णता को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की और सभी को ऐसे अभ्यासों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया, जो एक संतुलित और पूर्णतापूर्ण जीवन के लिए हैं।