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Lucknow University: स्थानांतरित विद्यार्थियों को मेरिट लिस्ट के आधार पर मिलेगा एडमिशन

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शैक्षिक नीति (एनईपी) 2020 के अंतर्गत एक संस्थान से दूसरे संस्थान में छात्र-छात्राओं के स्थानांतरण के लिए नीति तैयार कर ली है।

Vertika Sonakia
Published on: 24 May 2023 6:12 PM GMT
Lucknow University: स्थानांतरित विद्यार्थियों को मेरिट लिस्ट के आधार पर मिलेगा एडमिशन
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Lucknow University

Lucknow University: प्रदेश के बाहर वालों को एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट्स (एबीसी) एबीसी के साथ एलयूआरएन पर पंजीकरण करना आवश्यक होगा। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के निर्देश पर बनी चार सदस्यीय कमेटी ने इसकी संस्तुति की है।

स्थानांतरण से आए विद्यार्थियों के एडमिशन के लिए बनी कमेटी

कमेटी में सदस्य सचिव के रूप में डीन एकेडमिक्स प्रो. पूनम टंडन, डीन आर्ट्स प्रो. अरविंद अवस्थी डीन सीडीसी प्रो. अवधेश कुमार, आइटी कालेज की प्राचार्या डा. विनीता प्रकाश, और नेशनल पीजी कालेज के प्राचार्य प्रो. डीपी सिंह शामिल हैं।

सात साल में पूरी कर सकेंगे यूजी की डिग्री

यूजी सर्टिफिकेट या डिप्लोमा वाले छात्र-छात्राओं को तीन साल के अंदर डिग्री प्रोग्राम में फिर से प्रवेश मिलेगा। उन्हें अधिकतम सात साल में डिग्री पूरी करनी होगी। वहीं, पीजी डिप्लोमा वालों को दो साल के अंदर पीजी डिग्री में फिर से प्रवेश की अनुमति मिलेगी। उन्हें पीजी डिग्री अधिकतम चार साल में पूरी करनी होगी।

ये होंगे नियम

स्थानांतरण वाले छात्र-छात्राओं को अबेकस-यूपी/एबीसी नेशनल स्तर के माध्यम से अर्जित क्रेडिट को लखनऊ विश्वविद्यालय में स्थानांतरित करवाना होगा। यदि छात्रों द्वारा पहले से अर्जित क्रेडिट की संख्या लखनऊ विश्वविद्यालय के आवश्यक क्रेडिट से कम है, तो अनंतिम प्रवेश की अनुमति इस शर्त के अधीन दी जाएगी कि छात्र को अध्ययन करके इस कमी को पूरा करने के लिए अतिरिक्त क्रेडिट अर्जित करना होगा। संबंधित डीन या विभागाध्यक्ष द्वारा अनुमोदित विश्वविद्यालय के माध्यम से प्रस्तावित अतिरिक्त पाठ्यक्रम के माध्यम से ये किया जा सकेगा। शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में इसका लाभ उठाया जा सकता है।संस्था परिवर्तन के समय समस्त संबंधित शुल्क का भुगतान करना होगा।

इन परिस्थितियों में मिलेगी स्थानांतरण की अनुमति

जब कालेज कार्यक्रम जारी रखने के लिए तैयार नहीं हो। छात्र-छात्रा अपने कार्यक्रम के चौथे वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं और कालेज यूजी कार्यक्रम के चौथे वर्ष को चलाने के इच्छुक नहीं हैं। इन दोनों परिस्थितियों में शामिल छात्र-छात्रा अपनी पसंद के अनुसार लखनऊ के किसी भी संबद्ध कालेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश ले सकते हैं। सीटों की उपलब्धता के आधार पर योग्यता के क्रम में प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा।

चार साल के स्नातक स्ट्रक्चर की भी सिफारिश

कमेटी ने यूजीसी के स्नातक कार्यक्रम के लिए पाठ्यचर्या और क्रेडिट फ्रेमवर्क" के मामले यूजी कार्यक्रम के लिए स्ट्रक्चर भी तैयार कर लिया है। चार साल के यूजी प्रोग्राम को यूजी डिग्री (आनर्स विद रिसर्च) नाम दिया जाएगा।

प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि जो छात्र-छात्रा पहले छह सेमेस्टर में 7.5 और उससे अधिक का सीजीपीए हासिल करते हैं और चौथे वर्ष में जारी रखते हुए शोध करना चाहते हैं, उन्हें चौथे वर्ष में प्रवेश का मौका मिलेगा।

चौथ वर्ष का कोर्स चलाने के लिए ये जरूरी

विश्वविद्यालय एवं सहयुक्त कालेजों को अपने यहां स्नातक चौथे वर्ष को चलाने के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी।

  • इनमें विभागों में पुस्तकालय, पत्रिकाओं तक पहुंच, कंप्यूटर लैब और सॉफ्टवेयर, प्रयोगात्मक अनुसंधान कार्य करने के लिए प्रयोगशाला जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं।
  • कम से कम दो पूर्णकालिक संकाय सदस्य जिन्हें पीएचडी परिवेक्षक के रूप में मान्यता प्राप्त है, यूजी कार्यक्रम के चौथे वर्ष के पात्र होंगे।

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