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Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार के करीबी बिल्डर पर कसा शिकंजा, 48 फ्लैट वाला अपार्टमेंट तोड़ने के आदेश जारी
Mukhtar Ansari:पुलिस-प्रशासन मुख्तार के अलावा उसकी नजदीकियों पर भी लगातार शिकंजा कस रही है। चुन-चुन कर उसके गिरोह में शामिल लोगों और उसके काले धन को सफेद करने वाले बिजनेसमैनों को निशाने पर लिया जा रहा है।
Mukhtar Ansari: पूर्वांचल के माफिया डॉन और कुख्यात बाहुबली मुख्तार अंसारी और उसके परिवार पर यूपी पुलिस जबरदस्त शिकंजा कस चुकी है। माफिया डॉन की फैमिकी के अधिकांश सदस्य जेल में हैं और जो बाहर हैं वे फरारी काट रहे हैं। पुलिस-प्रशासन मुख्तार के अलावा उसकी नजदीकियों पर भी लगातार शिकंजा कस रही है। चुन-चुन कर उसके गिरोह में शामिल लोगों और उसके काले धन को सफेद करने वाले बिजनेसमैनों को निशाने पर लिया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर नदीम-उर-रहमान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होने जा रही है।
नदीम-उर-रहमान पूर्वांचल के कुख्यात बाहुबलियों में शुमार मुख्तार अंसारी के सबसे करीबी लोगों में गिना जाता रहा है। मुख्तार की काली कमाई की सेटिंग वही लगाता था और उसे रियल एस्टेट के धंधे में खपाता था। बताया जाता है कि मुख्तार के ब्लैक मनी को सफेद कर उसने भी काफी मोटा पैसा बनाया है। अब जब उसके आका के गुनाहों का एक-एक हिसाब हो रहा है तो उससे जुड़े लोगों पर भी शामत आ गई है।
टूटेगा 48 फ्लैट वाला अपार्टमेंट
बिल्डर नदीम-उर-रहमान का राजधानी लखनऊ के हजरतगंज के जापलिंग रोड पर ज्वैल नामक बड़ा अपार्टमेंट है। इस अपार्टमेंट में कुल 48 फ्लैट हैं और सभी में लोग रह रहे हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का आरोप है कि मानचित्र के विपरित इसमें अवैध निर्माण किए गए। 11 मई को जारी आदेश में एलडीए ने बिल्डर को 30 दिन की मोहलत देते हुए अवैध निर्माण को तोड़ने को कहा था। साथ ही यह भी कहा था कि अगर एलडीए को बुलडोजर से इसे तोड़ना पड़ा तो इसमें होने वाले खर्च का भुगतान भी बिल्डर को ही करना पड़ेगा। बता दें कि 30 दिन की मियाद 10 जून को समाप्त हो रही है लेकिन अभी तक अवैध निर्माण को बिल्डर द्वारा हटाया नहीं गया है।
अपार्टमेंट में मिली थी कई खामियां
एलडीए की टीम ने आदेश जारी करने से पहले माफिया मुख्तार के करीबी बिल्डर के ज्वैल अपार्टमेंट का निरीक्षण किया था। इस दौरान अधिकारियों को कई खामियां मिलीं। अपार्टमेंट के चारों ओर फायर वेंडर के आगमन के लिए सेटबैक नहीं छोड़ा गया। निर्माण के वक्त मानचित्र में ओपन पार्किंग और बेसमेंट दिखाया गया था लेकिन जांच में ओपेन पार्किंग नहीं पाई गई।
एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि अपार्टमेंट के जिस हिस्से को तोड़ा जाएगा, उसके अंतर्गत आ रहे फ्लैटों में रह रहे लोगों को पहले वहां से हटाया जाएगा।