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Lucknow News: नेशनल महिला फुटबॉलर ने सिरोसिस से पीड़ित भाई को लिवर दान कर दिया नया जीवन
Lucknow News: बहन ने अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ में अपने भाई को लिवर का एक हिस्सा दान कर भाई को नया जीवन दिया है। भाई पेशे से 30 वर्षीय कराटे का कोच है और क्रिप्टोजेनिक लिवर सिरोसिस से पीड़ित था। एक ऐसी स्थिति जिससे उसके करियर और जीवन दोनों पर खतरा मंडराने लगा था।
Lucknow News: एक चैंपियन की सच्ची खेल भावना और भाई-बहन के रिश्ते का अटूट बंधन प्रदर्शित करती यह सच्ची घटना है, जिसका साक्षी बना लखनऊ का अपोलोमेडिक्स अस्पताल। प्रयागराज की एक 28 वर्षीय राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल खिलाड़ी और उसके भाई की। बहन ने अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ में अपने भाई को लिवर का एक हिस्सा दान कर भाई को नया जीवन दिया है। भाई पेशे से 30 वर्षीय कराटे का कोच है और क्रिप्टोजेनिक लिवर सिरोसिस से पीड़ित था। एक ऐसी स्थिति जिससे उसके करियर और जीवन दोनों पर खतरा मंडराने लगा था। ऐसे में उनकी बहन, जो कि एक राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल खिलाड़ी हैं। उसने निस्वार्थ भाव से अपने लिवर का एक हिस्सा दान करने के लिए आगे कदम बढ़ाया और अपने भाई को जीवन जीने का दूसरा मौका दिया।
ट्रांसप्लांट करने वाले अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ के लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. वलीउल्लाह सिद्दीकी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया, "मरीज, एक निजी स्कूल में कराटे ट्रेनर है। अपने पेट में जकड़न और पीलिया की शिकायत के साथ हमारे पास आया था। जांच करने पर पता चला कि उन्हें क्रिप्टोजेनिक लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी है। उनकी जान बचाने का एकमात्र इलाज लिवर ट्रांसप्लांट करना था।
दोनों स्वस्थ
इस भाई को अपनी बहन के रूप में डोनर मैच हुआ। बहन पतली दुबली शारीरिक संरचना वाली एक राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल खिलाड़ी हैं। भाई की जान बचाने के लिए उन्होंने अपना लिवर दान करने की सहमति दे दी। उनकी हालत को देखते हुए, प्रत्यारोपण के लिए उनके लिवर का एक छोटा सा हिस्सा निकाला गया। सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी हो गई और मरीज और डोनर दोनों अब स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। मामला चुनौतीपूर्ण था क्योंकि प्राप्तकर्ता की हालत हर गुजरते दिन के साथ बिगड़ती जा रही थी, और प्रत्यारोपण के बिना, वह दो महीने से अधिक जीवित नहीं रह सकता था।
एक हफ्ते बाद भएज दिया गया घर
अपोलोमेडिक्स अस्पताल, लखनऊ के एमडी और सीईओ डॉ मयंक सोमानी ने कहा, “यह मामला भाई बहन के अटूट प्यार की कहानी है, जहां एक फुटबॉलर बहन द्वारा अपने भाई को अपने लिवर का हिस्सा दान कर सभी को अंगदान के लिए प्रेरित किया है। यह केस लखनऊ और उसके आसपास के इलाकों के लिए अपोलोमेडिक्स अस्पताल में उपलब्ध शीर्ष-स्तरीय चिकित्सा सेवाओं का प्रमाण भी है। ट्रांसप्लांट जून के महीने में हुआ और ट्रांसप्लांट सर्जरी के एक हफ्ते बाद भाई-बहन को घर भेज दिया गया। प्रत्यारोपण की शारीरिक चुनौतियों के बावजूद, डोनर के लिए लिवर पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक अभ्यास शुरू करा दिया है और विशेषज्ञों की देखरेख में जल्द ही अपने फुटबॉल करियर को फिर से शुरू करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। डॉक्टरों ने उसे ऐसी गतिविधि से बचने की सलाह दी है जो उसके पेट पर दबाव डाल सकती है।